अब बिहार बाल भवन में दूसरे राज्‍यों के बच्‍चों की भी गूंजेगी किलकारी, फिर ये मचाएंगे देशभर में धूम

किलकारी बिहार बाल भवन में अब दूसरे राज्‍यों के बच्‍चों को भी प्रशिक्षण मिल सकेगा। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन होगा। इसके लिए रजिस्‍ट्रेशन भी ऑनलाइन हो रहा है। इसमें बिहार समेत महाराष्‍ट्र असम दिल्‍ली तक के बच्‍चों ने प्रशिक्षण के लिए रजिस्‍ट्रेशन कराया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 01:37 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 01:37 PM (IST)
अब बिहार बाल भवन में दूसरे राज्‍यों के बच्‍चों की भी गूंजेगी किलकारी, फिर ये मचाएंगे देशभर में धूम
किलकारी में मिलेगा विभिन्‍न विधाओं का प्रशिक्षण। प्रतीकात्‍मक फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। किलकारी, बिहार बाल भवन (Kilkari, Bihar Bal Bhawan) में अब दूसरे राज्य के बच्चे भी आनलाइन प्रशिक्षण ले सकेंगे। इसके लिए वैसे बच्चों का पंजियन भी शुरू हो गया है। आनलाइन प्रशिक्षण (Online Training) लेने के लिए अबतक 50 बच्चों ने पंजियन कराया है। पंजियन कराने वालो बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। किलकारी के आनलाइन समर कैंप (Online Summer Camp) में दूसरे राज्य के लगभग 200 बच्चों ने पंजियन कराया था। 20 दिवसीय समर कैंप तो समाप्त हो गया। लेकिन, इन में से अधिकतर बच्चों की रूचि अब आगे भी किलकारी के विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने की है। ऐसे में बिहार बाल भवन किलकारी ने इन बच्चों को आनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षण देने की सुविधा दी है।

13 राज्यों के बच्चों ने कराया पंजियन

दूसरे राज्य के बच्चे जो किलकारी में आनलाइन प्रशिक्षण लेने के इच्छुक है उन्हें उनके नंबर पर पंजियन का पीडीएफ फार्म भेज दिया गया है। वो उस पीडीएफ फार्म को भरकर किलकारी को दे रहे हैं। उसके जरिये उनका पंजियन हो रहा है। 13 राज्याें में असम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात राज्य के बच्चों ने पंजियन कराया है।

कैंप के दौरान आमंत्रित किये जाएंगे दूसरे राज्य के बच्चे

कोरोना संक्रमण की स्थिति ठीक होने के बाद बिहार बाल भवन किलकारी में जब कोई विशेष कैंप का आयोजन किया जाएगा। तब दूसरे राज्य के बच्चों को इस कैंप में आमंत्रित किया जाएगा। फिलहाल जिन बच्चों ने पंजियन करा लिया है वो अपने विधा के अनुसार अलग-अलग ग्रुप से जुड़कर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। दूसरे राज्य के बच्चों को और बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए और क्या-कया किया जा सकता है इस पर विचार किया जा रहा है।

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