पुलिस लाइन में कोरोना से बचाव के पर्याप्त उपाए नहीं
गत वर्ष बीएमपी में कोरोना विस्फोट से भी पटना पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया है। दूसरी लहर आने के बाद भी पटना पुलिस लाइन में कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त उपाए नहीं किए गए हैं।
पटना । गत वर्ष बीएमपी में कोरोना विस्फोट से भी पटना पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया है। दूसरी लहर आने के बाद भी पटना पुलिस लाइन में कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त उपाए नहीं किए गए हैं। वहां ना तो शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है और ना ही संक्रमित जवानों के क्वारंटाइन की व्यवस्था है। संक्रमित जवानों को किराये के कमरे में क्वारंटाइन होने का फरमान जारी किया गया है। पुलिस मेस एसोसिएशन ने भी लाइन में क्वारंटाइन बैरक बनाए जाने की मांग की है।
मालूम हो बांस घाट स्थित पुलिस लाइन में पटना पुलिस के एक हजार से ज्यादा जवान रहते हैं। उनके रहने के लिए वहां बैरक सहित मेस इत्यादि की भी व्यवस्था है। पुलिस के जवानों के रहने के लिए वहां पहले से ही बैरक की कमी है। लिहाजा, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सबसे अहम दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का पालन संभव ही नहीं है। ज्यादा संख्या में जवान एक ही बेड के अलावा शौचालय का प्रयोग कर रहे हैं। इससे एक के संक्रमित होने पर अन्य जवानों में संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि पुलिस लाइंस में नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है।
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दावे से उलट दिखी स्थिति
शारीरिक दूरी सहित कोरोना संक्रमण से बचाव के अन्य उपाए किए जा रहे हैं, लेकिन बुधवार दोपहर जागरण संवाददाता ने वहां का जायजा लिया तो स्थिति दावे से उलट दिखी। ज्यादातर पुलिसकर्मी पास-पास दिखे। मास्क भी नहीं पहन रखे थे। बैरक के अभाव में कुछ पुलिसकर्मी शेड के नीचे सोए मिले। एक जवान ने बताया कि लाइन में सबकुछ भगवान भरोसे है। कोरोना से बचाव के लिए वहां कोई व्यवस्था नहीं है। बिहार पुलिस मेस एसोसिएशन, पटना के अध्यक्ष संदीप कुमार ने अव्यवस्था पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मांग की है कि कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों के लिए पुलिस लाइन में ही अलग से बैरक, मेस और शौचालय की व्यवस्था की जाए। पुलिस लाइन के पदाधिकारी व डीएसपी मो. शब्बीर अहमद ने भी माना कि वहां बैरकों की कमी है। हालांकि, उन्होंने वहां कोरोना से बचाव के अन्य निर्देशों का सही से पालन किए जाने का दावा किया।