विधानसभा में विधायक को नीतीश ने किया निरुत्तर, बोले-उधर अकेले पड़ जाएंगे, मिल-बैठकर बात करिए

विधानसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तर्कपूर्ण जवाब सबको निरुत्तर कर गया। एआइएमआइएम विधायक दल के नेता अख्तरुल ईमान को उन्होंने दो टूक बता दिया कि उनके मुख्यमंत्री रहते बिहार में कोई दूसरी राजधानी नहीं हो सकती।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 10:38 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 10:38 AM (IST)
विधानसभा में विधायक को नीतीश ने किया निरुत्तर, बोले-उधर अकेले पड़ जाएंगे, मिल-बैठकर बात करिए
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव। -

राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार विधानसभा में बुधवार को भारी हंगामे के कारण कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हो पाया। उससे पहले मंगलवार को सदन में सत्ता और विपक्ष के सदस्यों का अभिभाषण काफी रोचक रहा। धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तर्कपूर्ण जवाब सबको निरुत्तर कर गया। एआइएमआइएम विधायक दल के नेता अख्तरुल ईमान को उन्होंने दो टूक बता दिया कि उनके मुख्यमंत्री रहते बिहार में कोई दूसरी राजधानी नहीं हो सकती। दरअसल, उसकी दरकार ही नहीं। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट ईमान एआइएमआइएम विधायकों के साथ सदन से बाहर जाने लगे। मुख्यमंत्री ने चुटकी ली। उधर जाकर अकेले पड़ जाएंगे। इधर आइए और मिल-बैठकर बात करिए। वैसे भी आप जदयू और राजद होते हुए तीसरी पार्टी में गए हैं।

प्रतिक्रिया की राजनीतिक हलके में अलग व्याख्या

फिलहाल मुख्यमंत्री की इस प्रतिक्रिया की राजनीतिक हलके में अलग-अलग व्याख्या हो रही। उसका एक आधार जनवरी में एआइएमआइएम विधायकों की नीतीश से भेंट-मुलाकात भी है। तब भी एआइएमआइएम विधायकों के इधर-उधर होने की चर्चा हुई थी। हालांकि तब ईमान ने स्पष्ट कर दिया था कि साथी विधायकों के साथ वे क्षेत्रीय समस्याओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। खुद नीतीश ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री होने के नाते उनसे सांसद-विधायक व विधान पार्षद आदि मिलते रहते हैं। उसका कोई अतिरिक्त आशय नहीं होता। 

दो राजधानी की जरूरत कहां...

भाषण के दौरान एआइएमआइएम विधायक दल के नेता अख्तरुल ईमान सदन से बाहर जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने टोका-आप कहां जा रहे हैं। आपको कोई काम हो तो आइए। मिल कर बताइए। हां, पूर्णियां को राजधानी बनाने की आपकी मांग बकवास है। वह नहीं होगा। दो राजधानी की जरूरत कहां है। पहले रांची दूसरी राजधानी हुआ करती थी, लेकिन तब झारखंड का अस्तित्व नहीं था। बिहार का दायरा बड़ा होने के कारण रांची को दूसरी राजधानी बनाना पड़ा था। अब राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना तक पांच घंटे में पहुंचा जा सकता है। सुविधाओं में निरंतर विकास हो रहा। ऐसे में बिहार के लिए दूसरी राजधानी की जरूरत नहीं। मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए ऐसा तो कतई संभव नहीं। मेरे बाद अगर कोई मुख्यमंत्री ऐसा करता है तो वह उसकी इ'छा। 

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