बिहार के लोगों के पैसों को लेकर नीतीश कुमार ने जताई चिंता, खुद बताई कहां हैं संभावनाएं

राज्य स्तरीय बैैंकर्स कमेटी की 76वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) को बैैंक बढ़ाएं। उसे राष्ट्रीय लक्ष्य तक लाने की कोशिश करें। वार्षिक साख योजना (एसीपी) में जो लक्ष्य तय किए गए हैं उसे पूरा किया जाए।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:49 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:49 PM (IST)
बिहार के लोगों के पैसों को लेकर नीतीश कुमार ने जताई चिंता, खुद बताई कहां हैं संभावनाएं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव। -

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य स्तरीय बैैंकर्स कमेटी की 76वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) को बैैंक बढ़ाएं। उसे राष्ट्रीय लक्ष्य तक लाने की कोशिश करें। वार्षिक साख योजना (एसीपी) में जो लक्ष्य तय किए गए हैं, उसे पूरा किया जाए। बिहार के लोगों का पैसा विकसित राज्यों में चला जाता है। इसे बिहार में लगाएं। बिहार के लोगों को बैंकों पर पूरा भरोसा है, इस कारण वे अपना पैसा बैैंकों में रखते हैैं। हाल यह है कि कुछ राज्यों का सीडी रेशियो तो सौ फीसद तक है। राज्य स्तरीय बैैंकर्स कमेटी की बैठक में उन्होंने यह बात कही। नीतीश वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वे बैठक में जुड़े थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैैं। इसे बढ़ावा देने के लिए बैैंकों का सहयोग जरूरी है। विकास कार्यों के साथ-साथ अन्य योजनाओंं में भी बैैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बिहार के विकास में बैैंक अपनी सहभागिता और बढ़ाएं। ऋण-जमा अनुपात की चर्चा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020-21 में राज्य में यह 46.40 प्रतिशत रहा, जबकि पूरे देश का सीडी रेशियो 76.5 प्रतिशत है। हम लोग लक्ष्य से काफी पीछे हैैं। राष्ट्रीय स्तर पर सीडी रेशियो को लाने की कोशिश करें। पटना काफी गतिविधि वाला जिला है, लेकिन इस जिले का सीडी रेशियो मात्र 39.22 प्रतिशत है। 

लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बैैंक कदम उठाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 में वार्षिक साख योजना का लक्ष्य एक लाख, 54 हजार पांच सौ करोड़ रखा गया था, जिसका 87.86 प्रतिशत खर्च किया गया। अगले वर्ष के लिए वार्षिक साख योजना का लक्ष्य एक लाख, 61 हजार, पांच सौ करोड़ रुपये है। उम्मीद है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बैैंक कदम उठाएंगे।

सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग में संभावनाएं

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के क्षेत्र में बिहार में काफी संभावनाएं हैैं। इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बैैंकों का सहयोग जरूरी है। अगले वर्ष की वार्षिक साख योजना में एमएसएमई सेक्टर के लिए 35 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। मेडिकल के क्षेत्र में आक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए काम किए जा रहे हैैं। इथेनाल के उत्पादन के लिए कई प्रस्ताव आ रहे हैैं। इसमें बैैंकों के सहयोग की जरूरत है। एसएलबीसी की बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, चंचल कुमार, सचिव अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह शामिल थे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी भी जुड़े थे।

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