आज 17 वर्ष का हो गया एनआइटी पटना, कोरोना के कारण पहली बार नहीं मनाया जा रहा है स्थापना दिवस
पटना का राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान आज 17 वर्ष का हो गया है। इस साल पहली बार कोरोना संक्रमण की वजह से संस्थान का स्थापना दिवस समारोह नहीं मनाया जा रहा है। लॉकडाउन के कारण बीते साल मार्च से ही कैंपस में वीरानी छाई हुई है।
पटना, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) 28 जनवरी को 17 वर्ष का हो गया है। वैसे यह संस्थान विभिन्न रूपों में शताब्दी पूरा कर चुका है। साल 1900 के प्रथम दशक में यह एक साधारण स्कूल हुआ करता था। फिर इसने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का रूप लिया। इसके बाद 2004 में इसने एनआइटी का रूप लिया। इसके प्रमुख पूर्व छात्रों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मंत्री भीम सिंह, एटॉमिक एनर्जी कमिशन के पूर्व चेयरमैन ई. रतन कुमार सिन्हा, पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा आदि शामिल हैं। कोरोना महामारी के कारण पहली बार स्थापना दिवस के अवसर पर कैंपस में इसके वर्तमान एवं पूर्व छात्रों की चहलकदमी नहीं दिखेगी।
मार्च से ही बंद है एनआइटी का कैंपस
2021 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर पहली बार कोई समारोह का आयोजन नहीं हो रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के समय मार्च से ही कैंपस में वीरानगी पसरी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से कैंपस खोलने को लेकर अब तक कोई निर्देश नहीं मिला है। इस कारण यह बंद है। छात्रों को जल्द कैंपस खुलने की उम्मीद है।
नहीं मिल पाएगा टॉपरों को गोल्ड मेडल
एनआइटी के एलुमिनाई एसोसिएशन की ओर से संस्थान के टॉपरों को हर वर्ष गोल्ड मेडल दिया जाता है। इस वर्ष आयोजन नहीं होने से गोल्ड मेडल नहीं दिए जा सकेंगे।
स्थिति सामान्य होने पर होगा आयोजन
एसोसिएशन के महासचिव व पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि स्थापना दिवस नहीं होने के कारण पूर्ववर्ती छात्रों में काफी मलाल है। एलुमिनाई एसोसिएशन ने शनिवार को इसके लिए मीटिंग रखी है। हमलोग हर वर्ष फरवरी के पहले रविवार को आयोजन रखते थे, लेकिन कोविड के कारण इसे आगे के लिए फिलहाल टाला जाएगा। जब स्थिति सामान्य होगी तब आयोजन कर टॉपरों को गोल्ड दिए जाएंगे। इसी में सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम व मिलन समारोह का आयोजन होगा।