सुबह से ही अरमान की लोकेशन ले रही थी NIA-ATS, आतंकियों की जुबां पर छपरा का नाम आते ही हलचल

पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर जम्मू को दहलाने की कोशिश करने वाले आतंकी की गिरफ्तारी के बाद उसके द्वारा बिहार के छपरा जिले का नाम लिए जाने पर आम से खास तक के लोगों में काफी हलचल पैदा हो गई थी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 04:35 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 04:35 PM (IST)
सुबह से ही अरमान की लोकेशन ले रही थी NIA-ATS, आतंकियों की जुबां पर छपरा का नाम आते ही हलचल
छपरा में आतंकी को गिरफ्तार कर ले जाती टीम।

संसू, मढ़ौरा (सारण): मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देव बहुआरा पट्टी गांव के रहने वाले नईमुद्दीन अंसारी के 20 वर्षीय पुत्र अरमान की गिरफ्तारी को लेकर एनआइए व एटीएस की टीम सुबह चार बजे से ही लोकेशन ले रही थी। मोबाइल सर्विलांस का भी सहारा टीम स्थानीय पुलिस के सहयोग से ले रही थी। पूरी तरह से सही लोकेशन मिलने में करीब तीन घंटे का समय लग गया। इसके बाद एटीएस की टीम स्थानीय पुलिस के साथ अरमान के घर सुबह करीब सात बजे छापेमारी कर दी। जिस वक्त एटीएस की टीम ने छापेमारी की, उस वक्त अरमान घर में सो रहा था। इसी दौरान टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार कर टीम उसे सीधे थाने लेकर पहुंची। अरमान के स्वजनों ने उसकी गिरफ्तारी के बारे में टीम के सदस्यों से जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई।

बताया जाता है कि कक्षा नौवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अरमान ने पढ़ाई छोड़ दी। घर पर ही रह रहा था। अरमान के पिता नईमुद्दीन मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। सूत्र बताते हैं कि जावेद की गिरफ्तारी के मामले में गवाही देने के लिए अरमान को कोर्ट से नोटिस भेजा गया था। नोटिस मिलने के बाद भी अरमान जम्मू काश्मीर की कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। अगर वह गवाही देने के लिए कोर्ट में चला गया होता तो शायद एटीएस की टीम द्वारा उसकी गिरफ्तारी नहीं करती। अब सब कुछ उसकी गवाही पर ही निर्भर है। इस गांव से अब तक एटीएम द्वारा तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके पहले जावेद एवं उसके भाई मुस्ताक को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में स्थानीय पुलिस या एनआइए की टीम कुछ भी बताने से परहेज कर रही है।

रिटायर्ड शिक्षक के दो पुत्रों का मिला था आतंकी कनेक्शन

16 फरवरी को देवबहुआरा के रिटायर्ड शिक्षक महफूज के यहां एनआइए व एटीएस ने मिलकर छापेमारी करके उनके बड़े पुत्र जावेद को आतंकी कनेक्शन होने की वजह से गिरफ्तार किया था। टीम उसे अपने साथ जम्मू काश्मीर ले गई थी। इसके पूर्व जावेद के छोटे भाई मुस्ताक को भी एक सप्ताह पहले पंजाब से गिरफ्तार किया गया था। दोनों भाई पर बिहार से सात पिस्टल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आंतकी संगठन के स्वयंभू प्रमुख कमांडर हिदायतुल्लाह मलिक और जहुर अहमद राथर तक भेजे जाने का आरोप था। एनआइए की टीम को यह जानकारी हिदायतुल्लाह मलिक व जहुर अहमद की गिरफ्तार के बाद मिली। इसके बाद फरवरी माह में ही देवबहुआरा निवासी जावेद व मुस्ताक को आंतकी संगठन के सहयोग करने के कारण गिरफ्तार किया गया था।

जावेद व मुश्ताक को पुलिस मान रही थी दोस्त, निकले भाई

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस व एटीएस मान रही थी कि जावेद व मुश्ताक दोनों दोस्त हैं। मुश्ताक के द्वारा ही जावेद से पिस्टल मंगवाया गया है। आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पिस्तौल पहुंचाई गई थी। परंतु बाद में जांच के दौरान दोनों भाई निकले।

पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर जम्मू को दहलाने की कोशिश करने वाले आतंकी की गिरफ्तारी के बाद उसके द्वारा बिहार के छपरा जिले का नाम लिए जाने पर आम से खास तक के लोगों में काफी हलचल पैदा हो गई थी। उस वक्त जम्मू काश्मीर के डीजीपी के द्वारा इस बाबत पर्दाफाश किए जाने के बाद सारण पुलिस भी हरकत में थी। वास्तविकता जानने की कोशिश कर रही थी। इसी बीच छपरा से तीन युवकों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।

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