नई शिक्षा नीति से होगा सर्वांगीण विकास : पूर्व वीसी

हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होगा तभी क्षेत्रीय भाषा समृद्ध एवं विकसित होगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 01:14 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 01:14 AM (IST)
नई शिक्षा नीति से होगा सर्वांगीण विकास : पूर्व वीसी
नई शिक्षा नीति से होगा सर्वांगीण विकास : पूर्व वीसी

पटना सिटी : हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होगा तभी क्षेत्रीय भाषा समृद्ध एवं विकसित होगी। क्षेत्रीय भाषा में अपना और क्षेत्र का विकास निहित है। यही कारण है कि नयी शिक्षा नीति में मातृत्व, मातृभूमि और मातृभाषा पर जोर दिया गया है। ये बातें रविवार को पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने स्वरांजलि द्वारा रविवार को मंगल तालाब परिसर स्थित बिहार हितैषी पुस्तकालय में आयोजित शिक्षक पर्व समारोह में कहीं। उन्होंने परंपरागत तथा गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था को आज की आवश्यकता बताया।

शिक्षक पर्व समारोह का डा. रास बिहारी सिंह, वाणिज्य महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा. ब्रह्मानंद पांडे, डा. ध्रुव कुमार एवं पूर्व प्राचार्य अनिल रश्मि ने सामूहिक रूप से किया। इस मौके पर शिक्षा, कला एवं संस्कृति के विस्तार व विकास के लिए काम करने वाले जितेंद्र मोहन, आभा रानी, नेक आलम, ओंकार आनंद को शिक्षा रत्न, कला रत्न और नाट्य रत्न से सम्मानित किया गया। डा. ब्रह्मानंद ने कहा कि लक्ष्य से बड़ा उद्देश्य होता है। लक्ष्य की पूर्ति से सफलता मिलती है, लेकिन उद्देश्य की पूर्ति से देश, समाज व परिवार का सर्वांगीण विकास होता है। डा. ध्रुव कुमार ने कहा कि अपने पेशे से जुड़ कर सभी अपनी जवाबदेही निभाते हैं लेकिन कुछ अलग सोचने, कर गुजरने और प्रेरित करने वाले ही अलग पहचान बना पाते हैं। अनिल रश्मि ने मां-पिता, गुरु और बुजुर्ग का सम्मान करने का आह्वान नई पीढ़ी से किया। कार्यक्रम में हितैषी पुस्तकालय के महासचिव महेंद्र अरोड़ा, प्रभात ध्वन, आलोक चोपड़ा, राजा पुट्टू, नसीम अख्तर, डा. भोला पासवान, डा. दिलीप कुमार समेत अन्य उपस्थित थे।

- शिक्षक पर्व पर शिक्षाविद बोले- लक्ष्य से बड़ा होता है उद्देश्य

- विभिन्न क्षेत्र के लोगों को मिला शिक्षा रत्न, कला रत्न व नाट्य रत्न

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