स्मार्ट फोन नहीं स्मार्ट टोन की जरूरत

दैनिक जागरण की संस्कारशाला की प्रार्थना सभा का आयोजन बुधवार को गोला रोड के सेंट कैरेंस स्कूल में किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 09:29 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 09:29 PM (IST)
स्मार्ट फोन नहीं स्मार्ट टोन की जरूरत
स्मार्ट फोन नहीं स्मार्ट टोन की जरूरत

दैनिक जागरण की संस्कारशाला की प्रार्थना सभा का आयोजन बुधवार को गोला रोड के सेंट कैरेंस स्कूल में किया गया। मौके पर बच्चों को डेंटल सर्जन और मोटीवेशनल स्पीकर डॉ. प्रियेंदु सुमन ने ख्वाहिशें पूरी परवरिश अधूरी विषय पर कहानी सुनाई। कहानी के माध्यम से डॉ. प्रियेंदु ने बच्चों से कहा कि स्मार्ट फोन की जगह स्मार्ट टोन और स्मार्ट मोबाइल की जगह स्मार्ट स्माइल आपको सफलता दिलाएगी। डॉ. प्रियेंदु ने संस्कारों के समावेश से कैसे अपनी ख्वाहिशें पूरी की जाएं इसकी जानकारी दी। साथ ही बच्चों को माता-पिता का सम्मान करने की भी सीख दी।

उन्होंने कहा कि माता-पिता से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता है। जीवन में उन से ज्यादा किसी और पर भरोसा नहीं करना चाहिए। जब तक माता-पिता का आशीष हमारे साथ है हम किसी भी परेशानी को पार कर सकते हैं। इस मौके पर स्कूल की प्राचार्या सीमा सिंह और उप प्राचार्या अंजना जेम्स ने दैनिक जागरण की पहल की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को छोटी उम्र से ही समाज और परिवार के महत्व को बताना जरूरी है। उनको ये पता होना चाहिए कि उनके पालन पोषण में माता पिता को कितनी परेशानी होती है। माता-पिता की इच्छा का हमेशा सम्मान करना चाहिए। साथ ही वृद्धजनों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। बच्चों को कहानी के माध्यम से संस्कारों की सीख देना बेहतर पहल है। आयोजन के दौरान स्कूल के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।

बयान

संस्कार के लिए सुव्यवस्थित ढांचा बनाना जरूरी

संस्कारशाला दैनिक जागरण की बहुत ही सराहनीय पहल है। संस्कार का सामान्य अर्थ किसी को संस्कृत करना या शुद्ध करके उपयुक्त बनाना है। जब बच्चों के विषय में बात करते हैं तो एक जीवंत परिपेक्ष्य में संस्कार की बात करते हैं। बच्चों के समग्र विकास, उनके विचार एवं कृति अच्छी होने के लिए अच्छे संस्कार का होना बहुत जरूरी है। संस्कार को बच्चों में डालने के लिए ऐसा सुव्यवस्थित ढांचा बनाना चाहिए जो कि बच्चों के घर के परिवेश से होत हुए विद्यालय पहुंचे। यह संस्कार की पाठशाला होनी चाहिए। दैनिक जागरण के द्वारा संस्कारशाला में बिल्कुल ऐसी ही कोशिश की जा रही है। अच्छाई की समझ को कहानियों के माध्यम से बताकर बच्चों को ये बताना की गलत क्या और उनके लिए सही क्या है बहुत जरूरी है।

- डॉ. नीना कुमार, प्राचार्या न्यू एरा पब्लिक स्कूल

रोचक तरीके से दी जा रही संस्कारों की समझ

दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला का आयोजन और कॉलम का प्रकाशन बहुत ही सराहनीय कदम है। इसके माध्यम से बच्चों में अत्यंत रोचक तरीके, सुविचारों एवं अच्छे संस्कारों की जड़ें जमाई जा रही है। जिससे देश के भविष्य को उज्जवल बनाने में बहुत बड़ी सहायता मिल सकती है। आज के बच्चों को सुसंस्कारों से सुज्जित करने के लिए ये जरूरी भी है। वर्तमान समय में जो खबरें पढ़ने को मिलती हैं उससे पता चलता है कि हमारे बच्चे कैसे गुमराह हो रहे हैं। ऐसे में दैनिक जागरण की यह पहल अंधरे में चमकती हुई उजाले की एक किरण है जिसे आगे भी जलाना काफी जरूरी है।

- आशा मौआर, शिक्षिका न्यू एरा पब्लिक स्कूल

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