बिहार: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले की फरार लड़कियां दरभंगा में मिलीं

मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली। सुबह मोकामा बालिका गृह से फरार सात लड़कियों में से छह दरभंगा में मिली हैं।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 01:37 PM (IST) Updated:Sun, 24 Feb 2019 04:32 PM (IST)
बिहार: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले की फरार लड़कियां दरभंगा में मिलीं
बिहार: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले की फरार लड़कियां दरभंगा में मिलीं

पटना, जेएनएन। पटना के मोकामा बालिका गृह से शनिवार की सुबह फरार हुईं सात लड़कियों में से छह दरभंगा में मिली हैं। लड़कियाें के भागने को लेकर पूरा प्रशासन सकते में था। दरअसल उन सात लड़कियों में से पांच लड़कियां मुजफ्फरपुर शेल्‍टर होम की थीं। इसके बाद तो सियासत भी तेज हो गई। लेकिन अब राहत भरी खबर है कि इनमें से छह लड़कियां दरभंगा में मिल गई हैं। 

बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले का ट्रायल दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर करने के बाद 23 फरवरी यानी आज साकेत कोर्ट में आरोपियों की पेशी हुई। लेकिन इससे पहले आज सुबह साढ़े तीन बजे इस अहम कांड की गवाह पांच लड़कियां फरार हो गई थीं।

सात लड़कियां फरार, जिला प्रशासन में मचा हड़कंप

मोकामा के नाजरथ द्वारा संचालित बालिका गृह से सात लड़कियों के  फरार होने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी कुमार रवि , एसएसपी गरिमा मलिक , ग्रामीण एसपी सुनील कुमार , एएसपी लिपि सिंह समेत अन्य अधिकारियों की टीम मोकामा पहुंची। नाजरथ मिशनरी द्वारा संचालित नाजरथ अस्पताल परिसर में संचालित चाइल्ड केयर होम की सुरक्षा व्यवस्था को भी टीम ने खंगाला।

इसी बालिका गृह की एक अन्य संवासिन ने अपना नस काट लिया था । उसे पटना के एम्स में भर्ती कराया गया है । जानकारी के अनुसार पिछले दिनों मुज्जफरपुर के बालिका सुधार गृह से लाकर यहां रखा गया था । ये कहा गया था कि मनोचिकित्सक से इन संवासिनों का यहां इलाज कराया जाएगा।

इस घटना से प्रशासन के होश उड़े हुए थे । कोई भी कुछ बताने से कतरा रहा था । पूरे परिसर को जवानों ने सुरक्षा घेरे में ले लिया। किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी । संचालिका से प्रशासन के लोगों ने पूछताछ की। यहां मौजूद अन्य संवासिनों से मिल रही सुविधा व व्यवस्था को लेकर भी पूछताछ की गई। 

गत वर्ष भी चार संवासिनों के दिन में ही कर्मियों को झांसा देकर भाग जाने के वारदात के बावजूद एक ओर जहां सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं । वहीँ पुनः यहां के एनजीओ को संवासिनों के रखे जाने का मुद्दा भी जांच के घेरे में है। गत दिनों महिला आयोग की टीम ने भी इस केयर सेंटर का जायजा लिया था ।

आयोग की तात्कालीन अध्यक्ष ने यहां की व्यवस्था पर संतोष जताया था । सूत्र बताते हैं कि इन संवासिनों का मनोचिकित्सा के साथ इन्हें सुशिक्षित करने का भी विभाग द्वारा आदेश दिया गया था । इन आदेशों का कहां तक अनुपालन हो सका, इसकी भी जांच की जा रही है ।

संचालिका ने भगोड़े संवासिनों के फोटो के साथ बायोडाटा मोकामा थाने को सौंपा है । वहीं घटना के बाद से ही जिले समेत सीमा से जुड़े अन्य जिलों को भी हाई अलर्ट कर दिया गया था। महिला आयोग की टीम भी मोकामा जाने वाली है । वहीं एफएसल की टीम भी जांच करने के लिए मोकामा रिमांड होम पहुंची थी। डॉग स्क्वॉयड की टीम ने भी घटनास्‍थल का जायजा लिया। 

दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज हुई सुनवाई

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस मामले को साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर ट्रायल कोर्ट से इस केस के सभी दस्तावेज साकेत कोर्ट में पहुंच गए हैं। एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई की, जिसमें सभी सभी आरोपियों की कोर्ट में पेशी हुई। सोमवार को मामले की अगली सुनवाई होगी।

पटना के जिलाधिकारी ने कहा-

बालिका गृह से सात लड़कियाों के गायब होने के मामले में पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा है कि मिसिंग रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है और सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। 

भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा-

भाजपा उपाध्यक्ष देवेश कुमार ने कहा कि सभी मामलों पर जांच की जा रही है और सरकार हमेशा ही सीबीआइ को सहयोग करती रहती है। ये सुरक्षा में लापरवाही का मामला है और दोषियों पर जरूर कार्रवाई की जाएगी। 

राजद ने पूछा-किसे बचाने की हो रही साजिश 

वहीं, राजद ने मामले पर बिहार सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा है कि आज रात मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम की गवाह बची 7 बच्चियों को भी ग़ायब कर दिया गया। सत्ता शीर्ष पर बैठे किस शख़्स को बचाने की साज़िश हो रही है? पीड़ित बच्चियाँ अभी भी क्यों सुरक्षित नहीं है? SC की मॉनिटरिंग के बावजूद ये दु:साहस कौन कर रहा है? सीएम को किस बात पर फँसने का डर है?‬ अभी भी अनाथ बच्चियों के साथ कितना घिनौना कार्य किया जा रहा है?

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