सरसों और रिफाइंड तेल की कीमत ने पैदा की मुश्किल, बक्सर वालों का बिगड़ा रसोई का बजट

सरसों तेल और रिफाइंड के दामों में हो रही वृद्धि ने लोगों के घरों का बजट बिगाड़ दिया है। सबसे ज्यादा मुश्किल में गरीब तबके के लोग हैं। पिछले माह से बाजार में एक बार फिर से खाद्य तेल की कीमत में तेजी के संकेत हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 05:00 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 05:00 PM (IST)
सरसों और रिफाइंड तेल की कीमत ने पैदा की मुश्किल, बक्सर वालों का बिगड़ा रसोई का बजट
तेज की कीमत ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सांकेतिक तस्वीर।

संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर) : खाद्य तेल की बाजार में बढ़ती कीमत ने मुश्किल पैदा कर दी है। सरसों तेल और रिफाइंड के दामों में हो रही वृद्धि ने लोगों के घरों का बजट बिगाड़ दिया है। सबसे ज्यादा मुश्किल में गरीब तबके के लोग हैं। पिछले माह से बाजार में एक बार फिर से खाद्य तेल की कीमत में तेजी के संकेत हैं। पिछले एक पखवाड़े से सरसों तेल के मूल्य में वृद्धि हुई है। बाजार के जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में भी खाद्य तेलों की कीमत में कमी की बजाय वृद्धि संभव है। स्थानीय राज गोला मंडी बाजार में इससे पूर्व सरसों तेल की कीमत प्रति लीटर 160 रुपये तथा रिफाइंड की कीमत 150 रुपये प्रति लीटर थी। बाजार के थोक व्यावसायियों का कहना है कि खाद्य तेल की कीमत में तेजी के संकेत आने लगे हैं।

वर्तमान में सरसों तेल 185 रुपये प्रति लीटर तथा रिफाइंड तेल 160 रुपये प्रति लीटर है। कीमत में वृद्धि  में आगे-आगे सरसों तेल है तो पीछे से रिफाइंड भी तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। स्थानीय बाजार में लोकल खाद्य तेल एवं रिफाइंड सामान्य कीमत के अधिक में बिक रहा था। जबकि ग्राहकों के मनपसंद ब्रांडेड कंपनियों के खाद्य तेल की कीमत इससे भी अधिक है। फरवरी माह में सरसों तेल की कीमत प्रति लीटर 120 रुपये तथा रिफाइंड  का दाम 115 रुपये था। सिर्फ एक पखवाड़े में दोनों खाद्य तेलों की प्रति लीटर कीमत में 20 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। जनवरी में सरसों तेल प्रति लीटर 110 रुपये तथा रिफाइंड तेल का कीमत 105 रुपये प्रति लीटर थी। दिसंबर के महीना में सरसों तेल प्रति लीटर 100 रुपये तथा रिफाइंड की कीमत प्रति लीटर 95 रुपये थी। राज गोला मंडी के थोक किराना व्यवसाई अमित जायसवाल, बबलू जायसवाल आदि का कहना है कि महज तीन महीने के अंतराल में खाद्य तेलों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई थी। यह सिलसिला अभी भी लगातार जारी है। अक्टूबर के महीने में मौसम की ठंड में वृद्धि के साथ ही खाद्य तेल की कीमत में भी वृद्धि होने लगी है। दुकानदार इस वृद्धि को भविष्य के लिए सुखद संकेत नहीं मान रहे हैं।

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