शहाबुद्दीन के शॉर्प शूटर तबरेज की हत्या, जानिए उसका गैंग्स अॉफ वासेपुर कनेक्शन

शहाबुद्दीन के शार्प शूटर तबरेज उर्फ तब्बू की शुक्रवार को पटना कोतवाली के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसका राजनीति और फिल्मों से भी कनेक्शन था। जानिए इस खबर में...

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 01:37 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 09:29 PM (IST)
शहाबुद्दीन के शॉर्प शूटर तबरेज की हत्या, जानिए उसका गैंग्स अॉफ वासेपुर कनेक्शन
शहाबुद्दीन के शॉर्प शूटर तबरेज की हत्या, जानिए उसका गैंग्स अॉफ वासेपुर कनेक्शन

 पटना [जेएनएन]। एक दौर में तबरेज आलम उर्फ तब्बू जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का सबसे खास था। पूर्व सांसद के साथ नाम जुड़ने से तब्बू किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा। अपराध जगत से लेकर राजनीति के गलियारों में उसकी अच्छी दखल थी। तब्बू विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटा था। 

तबरेज उर्फ तब्बू आतंक का दूसरा नाम था। हिन्दी फिल्म अपहरण में एक किरदार का नाम तबरेज था। तब्बू ने इस फिल्म से तबरेज नाम हटाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

धनबाद जिस वासेपुर पर गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म बनी है, उस वासेपुर में भी मो. तबरेज का कनेक्शन था। जनवरी 2004 में धनबाद के वासेपुर में फहीम खान के घर पर एके-47 से हमला किया गया था। उसमें तब्बू भी शामिल था। उसे वासेपुर के शब्बीर ने बुलाया था। इसी क्रम में पुलिस मुठभेड़ हुई और तब्बू का एक साथी मारा गया।

बंगाल, झारखंड, यूपी में भी अपहरण सहित कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुका तबरेज कुछ साल से रीयल इस्टेट का कारोबार करने लगा। लखनऊ में उसकी खुद की शॉपिंग मॉल है। मो. शहाबुद्दीन पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद तबरेज ने अपना रास्ता बदल दिया। लेकिन, इस दौरान इसके दुश्मनों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि वह कभी भी अकेला नहीं रहता था। यहां तक कि घर पर निजी सुरक्षागार्ड तैनात कर रखा था।

न्यू मार्केट से रखा अपराध की दुनिया में कदम

तीन भाइयों में यह सबसे छोटा भाई था। एक भाई की मौत सड़क हादसे में छह साल पूर्व जहानाबाद-पटना मार्ग पर हो गई, जबकि दूसरा भाई जहानाबाद में ही कोचिंग चलाता है। तबरेज ने वर्ष 1989 में पटना न्यू मार्केट में जिंदगी की पहली आपराधिक घटना को अंजाम दिया। हत्या के बाद वह पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

इसके बाद पूरा एक गैंग बना लिया और सब कुछ इसके इशारे पर होता रहा। इसके नाम से पटना, जहानाबाद, गया, बिहारशरीफ, धनबाद से लेकर कोलकाता और यूपी के कुछ जिलों में भी खौफ था। एक समय में सिवान सहित कई जिलों के एमपी इसके खास हुआ करते थे।

पटना का कुख्यात सुलतान मियां व दुर्गेश शर्मा इनको गुरु मानते थे। इन सभी का ठिकाना वर्ष 1990 से लेकर 2000 तक एक राज्य मंत्री का घर था। पिछले विधानसभा चुनाव में वह एक पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार कर रहा था। उसका इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ने का इरादा था।

चर्चित अपहरण कांड और रंगदारी मामले में सामने आ चुका है नाम

लखनऊ में शॉपिंग मॉल और दबंग विधायक से गहरा नातारेस्टोरेंट मालिक से मांगी थी दो करोड़ की रंगदारी तबरेज ने ऑल इंडिया आतंकवाद विरोधी मुस्लिम मोर्चा नामक संगठन बना रखा है। इसमें वह बिहार स्टेट का को-ऑर्डिनेटर था। 2001 में प्रख्यात डॉ. रमेश चंद्र के अपहरण में तबरेज ने बड़ी भूमिका निभाई थी।

उसी साल धनबाद में विधायक की गोली मारकर हत्या की थी। 2003 में उसने अश्वनी गुप्ता का अपहरण किया था। पटना सिटी के मनोज कमलिया हत्याकांड में उसका नाम सामने आया था। बंगाल में बैंक डकैती की। जहानाबाद में ही विक्की ज्वेलर्स के मालिक को कब्जा किया।

नवंबर, 2017 में जहानाबाद के जायका रेस्टोरेंट मालिक से दो करोड़ की रंगदारी मांगी। धनबाद में कुछ साल पहले दो करोड़ रुपये में विधायक की हत्या की सुपारी लीएक एमएलए की हत्या के लिए दो करोड़ की सुपारी ली थी मगर पकड़ा गया।

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