बिहार के नौ शहरों में जलजमाव रोकने के लिए सरकार ने कसी कमर, किराए पर मशीन लेकर होगी नाला उड़ाही
जितनी देर इससे काम लिया जाएगा एजेंसी को उतना ही भुगतान करना होगा। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसको लेकर अल्पकालीन निविदा निकाली है। इस फैसले का लाभ पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर दरभंगा सहरसा मुंगेर पूर्णिया छपरा आदि शहरों को मिलेगा।
पटना, राज्य ब्यूरो। राजधानी पटना की तर्ज पर अब सभी प्रमंडलों के मुख्यालयों में नाला उड़ाही को और अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए सफाई और उड़ाही कार्य बड़ी मशीनों का इस्तेमाल होगा। इसके लिए नौ प्रमंडलों के मुख्यालय के लिए सुपर सकर मशीन को किराये पर लिया जाएगा। सुपर सकर मशीन को प्रति घंटे के हिसाब से किराये पर लिया जाएगा। यानी, जितनी देर इससे काम लिया जाएगा, एजेंसी को उतना ही भुगतान करना होगा। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसको लेकर अल्पकालीन निविदा निकाली है। इस फैसले का लाभ पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, सहरसा, मुंगेर, पूर्णिया, छपरा आदि शहरों को मिलेगा।
प्रमंडलीय मुख्यालयों में नाला उड़ाही का काम हो चुका है, मगर इस बार भारी बारिश को देखते हुए सुपर सकर मशीन से भी सफाई की योजना बनाई गई है। मानसून के आ जाने के कारण विभाग के पास भी समय कम है। ऐसे में 28 जून तक एजेंसी का चयन करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले माह से सफाई शुरू हो जाने की उम्मीद है।
बड़े नालों की सफाई में होगा फायदा
सुपर सकर मशीन के इस्तेमाल से बड़े और गहरे नालों की कम समय से बेहतर सफाई हो सकेगी। सुपर सकर मशीन में मोटा बड़ा पाइप होता है, जो नाले में जाकर उसकी गंदगी खींच लेता है। इससे अंडरग्राउंड नालों को भी साफ करना आसान होगा। इसके अलावा कई जगह अतिक्रमण के कारण संकरे हो चुके नाले की सफाई भी मशीन से आसानी से हो जाएगी। इतना ही नहीं, इसमें मानव बल भी कम लगेगा।
नए निकायों में भी साफ-सफाई पर जोर
प्रमंडलीय मुख्यालयों के अलावा नगर विकास एवं आवास विभाग ने नए 117 निकायों में भी साफ-सफाई का स्तर सुधारने का निर्देश दिया है। सभी नए शहरी निकायों में पिछले सप्ताह ही नाला उड़ाही का काम शुरू करने का निर्देश दिया गया था। इसके लिए दैनिक पारिश्रमिक (दैनिक भत्ते) पर सफाई कर्मियों को रखने को भी कहा गया है। इसके अलावा साफ-सफाई के जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए नगर परिषदों को अधिकतम डेढ़ लाख रुपये, जबकि नगर पंचायतों को अधिकतम एक लाख रुपये खर्च करने की छूट दी गई है। मानसून में जलजमाव से बचाव के लिए नए नगर निकायों को अति आवश्यक सिविल कार्य होने पर अधिकतम पांच लाख रुपये तक खर्च करने का प्रविधान किया गया है।