परामर्शी समिति में नहीं शामिल हो पाएंगे कई पंचायतों के मुखिया, बिहार सरकार ने जारी किया आदेश

Bihar Panchayat News बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते पंचायत चुनाव टलने के बाद सरकार ने पंचायत परामर्शी समिति गठित करने का फैसला लिया है। लेकिन राज्‍य की कई पंचायतों के मुखिया को परामर्शी समिति में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 03:19 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:19 PM (IST)
परामर्शी समिति में नहीं शामिल हो पाएंगे कई पंचायतों के मुखिया, बिहार सरकार ने जारी किया आदेश
बिहार में परामर्शी समितियों के गठन का सिलसिला जारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Panchayat Paramarshi Samiti: बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते पंचायत चुनाव टलने के बाद सरकार ने पंचायत परामर्शी समिति गठित करने का फैसला लिया है। इसके तहत मुखिया, प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्ष को त्रिस्‍तरीय पंचायत में परामर्शी समिति का अध्‍यक्ष बनाया गया है, ताकि गांवों में सरकारी योजनाओं के कार्यान्‍वयन पर असर नहीं पड़े। लेकिन राज्‍य की कई पंचायतों के मुखिया को परामर्शी समिति में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। सरकार ने मंगलवार को नए सिरे से आदेश जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि नगर निकायों में शामिल पंचायतों में परामर्शी समिति गठित नहीं होगी। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है।

उन्होंने बताया कि पंचायती राज संस्था को पूर्ण अथवा आंशिक रूप से नगर निकाय में शामिल कर दिए जाने के पूर्व संबंधित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे पंचायत प्रतिनिधि को परामर्शी समिति में कोई स्थान नहीं मिलेगा। संबंधित पंचायत के क्षेत्र को जिस तिथि से नगर निकाय में शामिल कर लिए जाने का आदेश जारी कर दिया गया, उस तिथि से संबंधित प्रतिनिधि पंचायत के पदधारक नहीं रह गए है।

सम्राट चौधरी ने बताया कि अगर किसी ग्राम पंचायत को पूर्ण रूप से नगर निकाय में शामिल कर लिया गया है तो उस ग्राम पंचायत के मुखिया एवं सभी ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड सदस्य) अपने पद से उसी तिथि से मुक्त हो गए। अगर ग्राम पंचायत के कुछ वार्ड ही नगर निकाय में शामिल किए गए हैं तो उस वार्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे वार्ड सदस्य अपने पद से मुक्त हो गए। यही स्थिति ग्राम कचहरी, पंचायत समिति और जिला परिषद के संबंध में भी लागू होगी।

उन्होंने बताया कि परामर्शी समिति में वैसे क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल नहीं किए जाएंगे, जो क्षेत्र पूर्ण अथवा अपूर्ण नगर निकाय में शामिल कर लिए गए हैं। इसी तरह परामर्शी समिति में मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को लेकर पंचायती राज विभाग ने प्रत्येक बिंदू पर स्थिति स्पष्ट कर दिया है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों, डीडीसी, कार्यपालक पदाधिकारी और जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को पत्र लिखा है।

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