मोगली ने बिहार को बनाया है जंक्शन प्वाइंट, नेपाल में बैठा है चरस तस्करों का सरगना

चरस के साथ गिरफ्तार तस्कर रवि शर्मा और आसिफ ने पूछताछ में कई अहम राज उगले हैं। मादक पदार्थ को सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों मे सप्लाई करने के लिए मंगाया जाता था। पुलिस को बताया कि नेपाल में बैठा मोगली नेटवर्क को आपरेट करता है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 05:26 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 05:26 PM (IST)
मोगली ने बिहार को बनाया है जंक्शन प्वाइंट, नेपाल में बैठा है चरस तस्करों का सरगना
नेपाल में बैठकर सरगना चरस की तस्करी बिहार में करता था। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : खुफिया विभाग की सूचना पर शास्त्रीनगर और गांधी मैदान मैदान थाना क्षेत्र से ढाई किलो चरस के साथ गिरफ्तार तस्कर रवि शर्मा और आसिफ ने पूछताछ में कई अहम राज उगले हैं। मादक पदार्थ को सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों मे सप्लाई करने के लिए मंगाया जाता था। तस्करों ने सरगना का नाम उजागर करते हुए पुलिस को बताया कि नेपाल में बैठा मोगली महाराज उर्फ  संजय शर्मा ही पूरे नेटवर्क को आपरेट करता है। मोगली बिहार को जंक्शन प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। आसिफ की मोगली से दो बार मुलाकात हुई थी। पहली बार गोवा में, जहां बात नहीं बनी। फिर दूसरी बार काठमांडू में मीटिंग हुई। यहां बीस हजार रुपये प्रति खेप स्टोरेज पर डील हुई थी। 

सूत्रों की मानें तो बिहार में दो इंटरनेशनल रूटों से मादक पदार्थ चरस और हेरोइन सहित अन्य नशीले पदार्थों की सप्लाई की जा रही है। तस्कर बिहार को जंक्शन प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां से दूसरे राज्यों में तस्कर चेन बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। शनिवार को खुफिया विभाग की सूचना पर पुलिस गांधी मैदान और शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बांकीपुर बस स्टैंड से रवि शर्मा और समनपुरा से आसिफ को ढाई किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया था। 

आफर ठुकराने पर रेस्टोरेंट मैनेजर बनाने का दिया लालच

पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में आसिफ ने बताया कि उसके पिता एयरफोर्स में सार्जेंट के पद से रिटायर हैं। आसिफ को घूमने का शौक है। वह पूर्व में गोवा सहित अन्य कई राज्यों में जाता रहता था। कुछ साल पूर्व उसकी गोवा में पहली बार मोगली महाराज से मुलाकात हुई थी। काफी देर तक बातचीत के बाद दोनों ने एक दूसरे का मोबाइल नंबर दिया था। मोगली ने तब खुद को बड़ा कारोबारी बताया था। बातचीत के दौरान ही मोगली ने आसिफ को चरस स्टोरेज की बात कही थी। बदले में कमीशन देने को भी कहा, लेकिन उसने इससे इंकार कर दिया। मोगली ने फिर उसे गोवा में ही रेस्टोरेंट का मैनेजर बनाने का आफर दिया था। इसके बाद आसिफ मोगली से मिलने काठमांडू गया था। वहां 20 हजार रुपये प्रति खेप चरस स्टोरेज की डील हुई थी। 

पटना भी आ चुका है मोगली, कोड के जरिए डिलीवरी

पूर्व में मोगली पटना आया था। उसने आसिफ की मुलाकात रवि शर्मा से कराई थी। रवि मूल रूप से राजस्थान के झुंझनू का रहने वाला है। वह प्रति खेप के बदले मोगली से एक लाख रुपये लेता था। इस तरह वह महीने में दो से तीन खेप भेजता था। पूछताछ में पता चला कि आसिफ को बोला गया था कि रवि पटना से मादक पदार्थ की खेप ले जाएगा। इसके लिए वह आसिफ को एक कोड देगा। 

दोनों के मोबाइल के डिटेल खंगालने मे जुटी पुलिस

सूत्रों की मानें तो रवि और आसिफ के पास से पुलिस ने मोबाइल बरामद किया है। हालांकि, पुलिस इस पर कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस मोबाइल का डिटेल खंगालकर संदिग्ध नंबरों को खंगाल रही है। रवि और आफिस के संपर्क में और कितने लोग है, चरस की सप्लाई कहां होनी थी, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। 

दो थानों में केस, रिमांड पर लेगी पुलिस 

रवि का परिवार राजस्थान छोड़कर काठमांडू में ही रहता है। वर्ष 2014 से वह मोगली के संपर्क में है। रवि और आफिस के खिलाफ गांधी मैदान और शास्त्रीनगर थाने में दो केस दर्ज हुआ है। दोनों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। 

एक साथ दिल्ली जाने वाले थे आसिफ व रवि

आसिफ मूल रूप से अरवल का रहने वाला है। वह पिछले पांच-छह साल से शास्त्रीनगर के समनपुरा में ही किराये का घर लेकर रह रहा था। सूत्रों की मानें तो गांधी मैदान थाना क्षेत्र में जब पुलिस ने रवि को गिरफ्तार किया तब आसिफ भी साथ में था। दोनों एक साथ बरामद चरस को दिल्ली ले जा रहे थे। रवि की गिरफ्तारी के बाद आसिफ वहां से भागकर समनपुरा स्थित घर पहुंच गया। पुलिस ने उसे वहीं से गिरफ्तार किया। तलाशी के क्रम में उसके घर से दो महंगे मोबाइल बरामद हुए हैं। 

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