बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में लाल खून का काला कारोबार, रूह कंपा देगी कहानी

पीएमसीएच के ब्लड बैंक में फिर लाल खून का काला कारोबार सामने आया है। यहां टाटा वार्ड में भर्ती महिला के पुत्रों से अब तक 15 यूनिट के लिए 60 हजार रुपये लिए जा चुके हैं। जानें क्या है मामला।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:04 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:04 AM (IST)
बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में लाल खून का काला कारोबार, रूह कंपा देगी कहानी
बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में खून के काले कारोबार का पर्दाफास हुआ है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच के ब्लड बैंक में फिर लाल खून का काला कारोबार सामने आया है। यहां टाटा वार्ड में भर्ती महिला के पुत्रों से अब तक 15 यूनिट के लिए 60 हजार रुपये लिए जा चुके हैं। पैसे खत्म होने के बाद जब पीड़ितों को खून मिलना बंद हो गया तो उन्होंने जान देने की धमकी देते हुए मामले की शिकायत की। दुखद यह कि एक गैर सरकारी संगठन ने जब तीन डोनर भेजे तो खून बेचने वालों ने बिना उनकी जांच किए सभी को रक्तदान के लिए अयोग्य करार दे दिया। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. आरएन शुक्ला ने बताया कि शिकायत के आलोक में मामले की जांच की गई। दोषी मिले कर्मचारी के सस्पेंशन व बर्खास्तगी तक की अनुशंसा की गई है। वहीं, कई बार फोन व वाट्सऐप करने के बावजूद अधीक्षक डॉ. आइएस ठाकुर से बात नहीं हो सकी। 

पैसा खत्म होने पर खून देने से किया मना

भोजपुर निवासी अनूप कुमार ने  बताया कि मां 65 वर्षीय उर्मिला देवी को लंबे समय से पाखाना के साथ खून जा रहा था। इससे शरीर में हीमोग्लोबिन काफी कम हो गया था। हालत बिगड़ने पर छह मई की शाम उन्हें टाटा वार्ड में भर्ती कराया गया। डॉ. कौशल किशोर की यूनिट में उन्हें भर्ती किया गया। डॉक्टर ने बताया कि शरीर में खून की बहुत कमी है। 2.9 ग्राम हीमोग्लोबिन और 40 हजार प्लेटलेट्स हैं इसलिए पीआरबीसी, प्लेटलेट्स व आइवीआइजी चढ़ाना होगा। शुरुआत में हम लोगों ने अपना खून देकर प्लेटलेट्स व पीआरबीसी का इंतजाम किया। इसके बाद की जरूरत पर डॉक्टरों को बताया कि अब उनके पास डोनर नहीं है। उन्होंने कॉल बुक में खून देने को लिखा, लेकिन ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने खून देने से मना कर दिया। बहुत आग्रह करने पर कर्मचारी ने बाहर खड़े अपने आदमी के पास जाने को कहा। इसके बाद से वह 15 यूनिट आरबीसी व प्लेटलेट्स के लिए अब तक 60 हजार रुपये दे चुका है। पैसे खत्म होने पर उन्होंने खून देने से मना कर दिया। 

एनजीओ के भेजे गए डोनर से खून लेने से किया इनकार

एक एनजीओ ने तीन डोनर भेजे लेकिन बिना उनकी जांच किए सिर्फ देखकर तुम बहुत कमजोर हो। तुमने खाना नहीं खाया और तुम बीमार दिख रहे होकर खून लेने से मना कर दिया। अब हमारे पास पैसे नहीं हैं, यदि कोई मदद नहीं मिली तो हम जहर खाकर जान देंगे तब शायद पीएमसीएच प्रशासन जागेगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने इंडोस्कोपी जांच लिखी है लेकिन बहुत प्रयास के बावजूद अब तक टेस्ट नहीं हो सका। 

शशिकांत के मोबाइल पर ट्रांसफर हुए पैसे   

अनूप का कहना है कि अब तक वे 22 से 25 यूनिट खून ले चुके हैं। इसमें कुछ रिश्तेदार और घर वालों ने डोनेट किया बाकी सब दलाल से खरीदा। कर्मचारी द्वारा बताए गुड्डु नाम के दलाल के मोबाइल नंबर  9472585708 पर बात होती थी। शुरुआत में नकद पैसे लेने के बाद जब गुड्डू से ऑनलाइन ट्राजेक्शन की बात कही तो उसने शशिकांत नामक व्यक्ति के 7739422040 नंबर पर पैसे ट्रांसफर कराए। अनूप ने आरोप लगाया कि काउंटर पर मौजूद कर्मी ही जरूरतमंदों को दलालों के पास भेजता है। 

chat bot
आपका साथी