बिहार में भ्रष्ट इंजीनियर को निलंबित नहीं करने पर विधानसभा में घिरे मंत्री, अब सदन की कमेटी करेगी जांच

भ्रष्ट कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार को तीन माह बाद भी निलंबित नहीं किए जाने पर बुधवार को विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान विभागीय मंत्री जयंत राज बुरी तरह से घिर गए। खूब हंगामा हुआ और मंत्री गोल-मोल जवाब देते रहे।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 06:55 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 06:55 PM (IST)
बिहार में भ्रष्ट इंजीनियर को निलंबित नहीं करने पर विधानसभा में घिरे मंत्री, अब सदन की कमेटी करेगी जांच
विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान विभागीय मंत्री जयंत राज बुरी तरह से घिर गए। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : ग्रामीण कार्य विभाग के भ्रष्ट कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार को तीन माह बाद भी निलंबित नहीं किए जाने पर बुधवार को विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान विभागीय मंत्री जयंत राज बुरी तरह से घिर गए। खूब हंगामा हुआ और मंत्री गोल-मोल जवाब देते रहे। भाजपा विधायक संजय सरावगी ने अल्पसूचित प्रश्न के जरिये ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता (दरभंगा में पदस्थापित) की गाड़ी और घर से 67 लाख रुपये मिलने के बाद भी उसे निलंबित नहीं किये जाने का मामला उठाया था। इस पर विपक्ष को भी मौका मिल गया और सरकार को घेरने की कोशिश की। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन में घोषणा की कि संबंधित अभियंता के मामले में सदन की कमेटी बनाकर जांच करायी जाएगी और दोषी पर कार्रवाई भी होगी।

इससे पहले ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने संबंधित अभियंता का बिना नाम लिये सदन को बताया कि विभागीय जांच चल रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई होगी। इस पर पूरक प्रश्न के जरिये संजय सरावगी ने आसन से जानना चाहा कि यह कब का मामला है और अबतक इंजीनियर को क्यों नहीं निलंबन हुआ? मंत्री ने सदन को बताया कि 28 अगस्त का मामला है। घटना के कुछ ही दिन बाद संबंधित अभियंता मेडिकल लिव पर चला गया है। मंत्री को बीच में टोकते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इंजीनियर को निलंबित कर सदन को सूचना दीजिए। अब मंत्री को कुछ बोलते नहीं बन रहा था। मंत्री बार-बार जांच की बात कह रहे थे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब राशि बरामद हुई है तो तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी। इस बीच संजय सरावगी ने आसन से सदन की कमेटी बनाकर जांच कराने का आग्रह किया। विधानसभा अध्यक्ष ने आग्रह को स्वीकार कर लिया और कहा कि सदन की कमेटी जांच करेगी।

यह है पूरा मामला

28 अगस्त को मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच पर कुढऩी थाना के फकुली ओपी के चेकपोस्ट के निकट वाहन जांच के दौरान दरभंगा के ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार की गाड़ी से 18 लाख रुपये बरामद किया गया था। बाद में पुलिस व ईओयू की टीम ने दरभंगा स्थित उनके किराए के आवास पर छापेमारी कर 49 लाख रुपये व कई दस्तावेज बरामद किया। इनमें अधिकांश दस्तावेज जमीन की खरीद से संबंधित है। अभियंता अनिल कुमार एक पूर्व मंत्री के भाई भी है। घटना के बाद अभियंता अनिल कुमार ने बयान दिया था कि यदि मुंह खुला तो पूरे राज्य में हड़कंप मच जाएगा। 

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