पटना के बड़े अस्पताल के पास रात को नहीं खुलतीं दवा की दुकानें, दुकानदारों के दावे से प्रशासन पर सवाल
रात में अशोक राजपथ पर सवारी भी मिलने में मुश्किल होती है। ऐसे हालात के बीच दवा लेकर अस्पताल लौटते तक में स्वजन को काफी देर हो चुकी होती है। एनएमसीएच की इमरजेंसी में बहुत दवाइयां नहीं होने से मरीजों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है।
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। पटना सिटी अनुमंडल अन्तर्गत नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल और श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और उनके स्वजनों के लिए अजीब विडंबना है कि अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। अस्पताल परिसर की दुकानें रात में बंद रहती है या फिर वहां दवा नहीं होती। अस्पताल के बाहर की सभी दवा दुकानें सुरक्षा कारणों से बंद रहती है। बेबस स्वजन मरीज के लिए दवा की तलाश में रात के समय यहां-वहां भटकते हैं तब तक कई मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। दवा लाने के स्वजन को अस्पताल से पांच से आठ किलोमीटर दूर गोविंद मित्रा रोड और पीएमसीएच के पास खुली दुकानों तक जाना पड़ता है।
रात में अशोक राजपथ पर सवारी भी मिलने में मुश्किल होती है। ऐसे हालात के बीच, दवा लेकर अस्पताल लौटते तक में स्वजन को काफी देर हो चुकी होती है। एनएमसीएच की इमरजेंसी में टंगी दवाइयों की सूची में से बहुत दवाइयां नहीं होने से मरीजों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है। इमरजेंसी के सामने की प्रधानमंत्री जन औषधि दुकान और मेडिसिन विभाग से सटे दवा दुकान में आवश्यकता की सभी दवाइयां नहीं मिल पाती हैं। परिसर में खुली अमृत मेडिकल स्टोर के कर्मी ने बताया कि रात नौ बजे तक दुकान बंद हो जाती है। ऐसे में स्वजन अस्पताल के बाहर की दवा दुकानों का रुख करते हैं। अगमकुआं आरओबी के नीचे की लगभग एक दर्जन दवा दुकानें रात नौ से दस के बीच बंद हो जाती हैं।
इसी तरह श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध नहीं रहने के कारण परिसर स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की दुकान पर स्वजन जाते हैं। स्वजनों ने बताया कि रात में यह दुकान लगभग हर दिन बंद ही रहती है। अस्पताल के बाहर बॉली मोड़ और आसपास की दवा दुकानें भी रात नौ से दस के बीच बंद हो जाती हैं।
सुरक्षा मुहैया कराए प्रशासन तो हम दुकान खोलने को तैयार
दवा दुकानदारों का कहना है कि एनएमसीएच और एसजीजीएस अस्पताल के बाहर की दवा दुकानों के दुकानदारों का कहना है कि बढ़ी आपराधिक घटनाओं को देखते हुए देर रात तक या पूरी रात दुकान खोलना संभव नहीं। अनुमंडलाधिकारी से लेकर अन्य बड़े अधिकारियों को कई बार कहा गया। प्रशासन सुरक्षा सुनिश्चित करे पूरी रात दवा दुकान खोलने में कई दिक्कत नहीं है। आवश्यकता पडऩे पर रात में दुकान खोल कर भी दवाइयां देते हैं। दोनों अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में जितनी दवाइयां उपलब्ध होती हैं वो मरीज को दी जाती हैं। एनएमसीएच परिसर में खुली दवा दुकानों में अधिकांश दवाइयां मिल जाती हैं। अस्पताल के बाहर की दवा दुकान के रात में खुलने और न खुलने से उनका कोई लेनादेना नहीं है। यह प्रशासन से जुड़ा मामला है।