सावधान! पटना में मौत के मुहाने बने नाले, जो गया वो जिंदा नहीं लौटा

पटना के खुले नालों में गिरने से मौत के मामले आम होते जा रहे हैं। शनिवार को मोहनपुर संप हाउस के खुले हौज में गिरे 10 वर्षीय दीपक ने पहले हुई घटनाओं की याद ताजा कर दी है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 02:10 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 02:17 PM (IST)
सावधान! पटना में मौत के मुहाने बने नाले, जो गया वो जिंदा नहीं लौटा
सावधान! पटना में मौत के मुहाने बने नाले, जो गया वो जिंदा नहीं लौटा

पटना [जेएनएन]। राजधानी पटना के मोहनपुर संप हाउस के खुले हौज में गिरे 10 साल के दीपक का मामला पटना में हुए ऐसे अन्‍य हादसों की याद ताजा करता है। पटना के ये नाले मौत का मुहाना बन गए हैं। इनमें जो गया, कभी जिंदा नहीं लौटा। ऐसी घटनाओं की यादें रोंगटे खड़ी करती हैं। पिछले वर्ष बच्चे की मौत हो या हाल ही में प्रतियोगी छात्र के साथ हुआ हादसा, पटना निगम कर्मी तो बस आश्वासन का मरहम लगाते हैं और अगले हादसे का इंतजार करने लगते हैं।
मैनहोल में दो निगम कर्मी की भी हो चुकी मौत
मैनहोल में गिरकर रोज जख्मी होने वालों की संख्या दर्जनों में है। निगम अधिकारियों की लापरवाही के कारण खुले मैनहोल को लेकर सजगता नहीं है। केवल वार्ड सात और आठ में दी तीन दर्जन से अधिक मैनहोल खुले हैं। मैनहोल में दम घुटने के कारण मई 2017 में दो निगम मजदूर की मौत हो चुकी है। दोनों चैम्बर की सफाई करने के लिए आयकर गोलंबर के पास उतरे थे, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण दम घुटने से उसकी मौत हो गई थी।

पांच वर्ष के मासूम गौरव की हुई थी मौत
खाजेकलां थाना अंतर्गत वार्ड 60 के श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल की पीछे टिकिया टोली मोहल्ले में 30 मार्च 2017 की देर रात पांच वर्षीय मासूम गौरव नाला के खुले चैंबर में गिर गया था। बच्चे को गहरे नाला से निकालने के लिए नगर निगम एवं अग्निशमन की टीम देर रात तक जुटी रही। जेसीबी से नाला को करीब आठ फीट आगे तक काट कर नाला में फंसे बच्चे को निकाला गया। करीब तीन घंटे तक नाला में फंसे होने के कारण बच्चे की नब्ज डूब चुकी थी। लोगों ने उसे एसजीजीएस अस्पताल लाया जहां चिकित्सक ने जांच उपरांत बच्चे को मृत घोषित कर दिया था।

31 अक्टूबर को बाकरगंज नाले में गिरकर मरा था छात्र
खुले नाला और मैनहोल को लेकर नगर निगम की लापरवाही की लंबी फेहरिश्त है। शनिवार की घटना भले ही निगम बिहार राज्य जल पर्षद पर भले ही तोहमत दे दे, लेकिन बीते 31 अक्टूबर को ही गांधी मैदान के पास बाकरगंज नाले में गिरकर एक प्रतियोगी छात्र की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। मृतक सुनील कुमार नवादा जिले के अकबरपुर पिंडरौनी गांव का मूल निवासी था। सुनील पटना विश्वविद्यालय के पास एनी बेसेंट रोड में एक लॉज में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता था। 31 अक्टूबर को मोना सिनेमा के पास स्टैंड में किराये पर गाड़ी बुक कराने के लिए गया था। वहां से लौटने के क्रम में उद्योग भवन के पीछे खुले नाले में गिर गया था।
जान जोखिम में डाल पार करते हैं हौज की दीवार
जान जोखिम में डालकर लोग पुनाईचक स्थित संप हौज की दीवार को पार करते हैं। महज पांच सौ मीटर की दूरी कम तय करनी पड़े इसके लिए लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगाते हैं। एसके पुरी से शिवपुरी, पुनाईचक आने और जाने के लिए शॉर्टकट के चक्कर में लोग इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। हौज की दीवार के सहारे इस पार से उस पार आते-जाते हैं। वैसे भी थोड़ा सा बैलेंस विगडऩे पर सीधे हौज में ही जाने का डर बना रहता है। वावजूद इसके लोग रिस्क लेकर इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।

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