अब जम्मू में लहलहाते दिखेंगे बिहार के आम-लीची के पेड़; चौंकिए नहीं हकीकत है यह, यहां जानिए पूरा मामला
अब वह दिन दूर नहीं जब जम्मू में बिहार की आम व लीची की प्रजातियां लहलहाती मिलेंगी। वहां की सरकार ने बिहार से इनके पौधों की मांग की है। वहां के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जम्मू में तीन क्लाइमेट जोन हैं जिनमें दो में यह खेती की जा सकती है।
पटना, राज्य ब्यूरो। अब जम्मू के बागों में बिहार के आम और लीची के पौधे लहलहाएंगे। जम्मू सरकार ने बिहार के आम और लीची की खेती को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। वहां का उद्यान विभाग आगामी 10 से 20 जुलाई के बीच इन पौधों को लगाने का विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके लिए जम्मू सरकार ने भागलपुर के सबौर में स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय को मेल भेजकर आम और लीची के पांच-पांच हजार पौधे खरीदने की इच्छा जाहिर की है।
पौधों को उपलब्ध कराने में जुटा बिहार कृषि विश्वविद्यालय
जम्मू सरकार ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय से आम व लीची के पौधों की मांग की है। विश्वविद्यालय इसकी व्यवस्था में जुट गया है। सरकारी स्तर पर आम और लीवी की फसल लग गई तो बिहार की लीची और आम की खेती वहां के खेतों में दिखने लगेंगे।
आम-लीची के लिए उपयुक्त हैं जम्मू के दो क्लइमेट जोन
जम्मू के कृषि अधिकारियों से हुई बात के अनुसार राज्य में तीन क्लाइमेट जोन हैं। दो जोन में इन पौधों की खेती के लायक मौसम है। वैसे भी पंजाब और उससे सटे जम्मू के इलाकों में आम की खेती पहले से भी होती है, लेकिन वहां की अब पहली पसंद मालदह आम और शाही लीची हो गई है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि जम्मू के कृषि सचिव एमके चौधरी बिहार में दरभंगा जिले के रहने वाले हैं। दरभंगा में मालदह के साथ शाही लीची की भी खेती होती है। ऐसे में उन्होंने यह पहल की है।