कोरोना काल में मॉल-ब्रांडेड शोरूम को पांच हजार करोड़ नुकसान

-अब त्योहार से बंधीं उम्मीदें अब भी महज 30-40 फीसद लोग ही पहुंच रहे खरीदारी करने -------- -80 छोटे-बड़े मॉल राजधानी में सभी को काफी नुकसान -170 से 180 करोड़ का नुकसान हुआ विशाल मेगा मार्ट को -100 करोड़ का नुकसान हुआ शू सेक्टर को -500 करोड़ से ज्यादा ब्रांडेड कपड़ा सेक्टर बाजार को नुकसान -80 करोड़ पीएंडएम मॉल को नुकसान ------------ जागरण संवाददाता पटना

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 08:53 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 08:53 AM (IST)
कोरोना काल में मॉल-ब्रांडेड शोरूम को पांच हजार करोड़ नुकसान
कोरोना काल में मॉल-ब्रांडेड शोरूम को पांच हजार करोड़ नुकसान

पटना । कोरोना काल में सबसे अधिक मॉल-ब्रांडेड शोरूम को नुकसान उठाना पड़ा। 22 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद से नौ सितंबर तक सब कुछ बंद रहा। उसके बाद मॉल को खोलने की अनुमति मिली, लेकिन अब भी यहां महज 30-40 फीसद लोग ही खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। मॉल से जुड़े कारोबारी कहते हैं, कोरोना संक्रमण के कारण अब भी लोगों में भय है। वैक्सीन आने तक यही स्थिति रहेगी।

चैंबर ऑफ कॉमर्स, बीआइए, कैट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, लॉकडाउन के कारण बिहार में मॉल व ब्रांडेड शोरूम के बंद रहने से पांच हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। अब दुर्गा पूजा, दीपावली व छठ से उम्मीदें बंधी है। यदि कोरोना संक्रमण के फैलने की स्थिति यही रही तो बाजार का हाल सुधरना मुश्किल होगा।

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दस सितंबर को मॉल खोलने की अनुमति मिली है। सिनेमा, बिग बाजार, होटल, रेस्टोरेंट, 42 ब्रांड के कपड़े, शू आदि के व्यापार को 60-70 करोड़ से ज्यादा का नुकसान है। इतने दिनों से मकान किराया सहित अन्य शुल्क उन्हें देना पड़ा पर आमदनी कुछ नहीं हुई।

-आसाराम सिंह, सीएसओ, पीएंडएम मॉल

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लॉकडाउन के कारण छह महीने तक सब कुछ बंद रहा। इसके कारण काफी नुकसान हुआ है। अब भी काफी कम लोग पहुंच रहे हैं। सिनेमा हॉल बंद हैं। इससे नुकसान जारी रहने की उम्मीद है।

- रतन कुमार, एजीएम, पीएंडएम मॉल

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कोरोना संक्रमण के कारण लोगों में भय का माहौल है। इसके कारण 30-40 फीसद लोग ही पहुंच रहे हैं। इससे बाजार में मंदी की स्थिति है।

सूरज साह, स्टोर, जीएम, सेंट्रल मॉल

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लॉकडाउन के कारण पूरे बिहार में लगभग 120-170 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। पूरा कारोबार ठप रहा। लॉकडाउन के दौरान काफी कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य खर्चो का वहन करना पड़ा।

-नीरज कुमार, सीनियर मैनेजर, विशाल मेगा मार्ट

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