'औरत' नाटक के मंचन से मगध महिला में हुई 'मुक्ति रंगमंच' की शुरुआत
पटना के मगध महिला कालेज में गुरुवार को मुक्ति रंगमंच की शुुरुआत हो गई। उद्घाटन पर सात छात्राओं के ग्रुप ने औरत नाटक का मंचन किया।
पटना, जेएनएन। मगध महिला कॉलेज में गुरुवार को 'मुक्ति रंगमंच' की शुरुआत हो गई। किसी भी महिला कालेज के परिसर बने प्रदेश के पहले थिएटर का उद्घाटन पद्मश्री ऊषा किरण खान और मगध विश्वविद्यालय बोधगया की प्राध्यापक ने किया। इसके बाद सात छात्राओं के ग्र्रुप ने समाज में महिलाओं की स्थिति को बयां करते 'औरत' नाटक का मंचन किया।
पद्मश्री ऊषा किरण खान ने कहा कि थिएटर समय की मांग है। इसके माध्यम से छात्राओं की प्रतिभा को पंख मिलेंगे। अब कॉलेज की लड़कियां परिसर में ही रंगमंच की बारीकियों से अवगत हो सकेंगी। समाज में महिलाओं की दशा को बयां कर सकेंगी। ऊषा किरण खान ने कहा कि जब लड़कियां स्पेस में जा सकती हैं तो नाटक क्यों नहीं कर सकतीं। श्यामा झा ने कहा कि रंगमंच की शुरुआत के साथ ही एमएमसी की प्राचार्या का सपना साकार हुआ है। इसके बाद प्रो. शशि शर्मा के कहने पर श्यामा झा ने 'डारी-डारी रंग डारी रे कान्हाÓ गीत भी गुनगुनाया। इस अवसर
थिएटर के संचालन को बनेगी कमेटी
मगध महिला कॉलेज की प्राचार्या शशि शर्मा ने बताया कि छात्राओं रंगमंच के माध्यम से बेहतर इंसान बनाने के लिए थिएटर की शुरुआत कर दी गई है। इसके संचालन के लिए विभिन्न कमेटियां बनाई जाएंगी। इनमें सलाहकार, परिचालन और शोध समिति प्रमुख हैं। समितियों के लिए सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। प्रो. शशि ने बताया कि सांस्कृतिक सचिव और सहायक सांस्कृतिक सचिव सभी कमेटी में सदस्य के रूप में रहेंगी। इस अवसर पर नीलू रंजन, डॉ. शेफाली राय, डॉ. शंकर आशीष दत्त व कॉलेज की अन्य शिक्षिकाएं व छात्राएं मौजूद रहीं।
'औरत' ने दिखाई महिलाओं की दशा
थिएटर में पहले प्ले के रूप में छात्राओं ने तनवीर अख्तर के निर्देशन में 'औरत' नाटक का मंचन किया। इसमें सात लड़कियों ने अपनी भागीदारी दी। नाटक के जरिए छात्राओं ने बेटी, बहन, पत्नी और मां के जीवन का सफर चंद मिनटों में दिखा दिया। कलाकारों ने बताया कि स्त्री प्रेम, स्नेह, करुणा, वात्सल्य की मूरत है। नारी सदियों से अत्याचार सह रही है पर कबतक इस घुटन में रहेगी।