चहेते को बना दिया सेक्टर प्रभारी, सफाई व्यवस्था चरमराई

संसाधन और मैनपावर में वृद्धि के बाद भी पटना नगर निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है। इसका प्रमुख कारण वार्ड पार्षदों द्वारा चहेते सफाई कर्मियों को सेक्टर प्रभारी (सुपरवाइजर) बनाना है। उनकी मनमानी से सफाई व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:44 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:44 AM (IST)
चहेते को बना दिया सेक्टर प्रभारी, सफाई व्यवस्था चरमराई
चहेते को बना दिया सेक्टर प्रभारी, सफाई व्यवस्था चरमराई

पटना ।संसाधन और मैनपावर में वृद्धि के बाद भी पटना नगर निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है। इसका प्रमुख कारण वार्ड पार्षदों द्वारा चहेते सफाई कर्मियों को सेक्टर प्रभारी (सुपरवाइजर) बनाना है। उनकी मनमानी से सफाई व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

नगर निगम क्षेत्र में 8400 कर्मियों में से 4300 दैनिक, 2500 आउटसोर्सिग और 1600 स्थायी हैं। इनमें से 500 कार्यालयों में, जबकि 7900 क्षेत्र में तैनात हैं। आरोप है कि अधिसंख्य वार्ड पार्षद निजी कार्यो के लिए पांच से अधिक कर्मियों को रखे हुए हैं।

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सभी सेक्टरों में कम से

कम दो कूड़ा प्वाइंट

नगर निगम क्षेत्र में 75 वार्ड हैं। सभी वार्डो को पांच-पांच सेक्टर में बांटा गया है। 375 सेक्टरों के प्रभारी बनाए गए हैं। इनका कार्य अपने-अपने सेक्टर में सफाई कार्य को बेहतर बनाए रखना है। सेक्टर प्रभारियों की तैनाती के बाद भी जहां-जहां कचरा फेंकने का कार्य जारी है। सभी सेक्टरों में कम से कम दो कूड़ा प्वाइंट हैं। इन पर नियंत्रण नहीं हो रहा है।

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घर-घर पहुंचती है गाड़ी फिर

भी सड़कों पर फेंक रहे कचरा

निगम क्षेत्र के सभी 375 सेक्टरों में डोर-टू-डोर एक वाहन उपलब्ध है। प्रतिदिन घर-घर पहुंचता है। इसके बाद भी लोग कचरा सड़कों पर फेंक रहे हैं। सेक्टर प्रभारियों को गीला-सूखा कचरा अलग-अलग डिब्बे में डालने के लिए प्रेरित करना है। इस कारण पटना की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। सेक्टर प्रभारी एक स्थान पर लंबे समय से जमे हैं।

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सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए पहल जारी है। खामियों को पहचान कर उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

-सीता साहू, महापौर

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सफाई कर्मियों से अन्य कार्य करवाना नियम विरुद्ध है। पार्षदों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। निगम प्रशासन ऐसे कर्मियों को तुरंत सफाई कार्यो में लगाए ताकि व्यवस्था दुरुस्त हो।

-नंद किशोर दास, महासचिव, पटना नगर निगम चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ

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