पटना के राजकीय फार्मेसी कालेज में दो विषयों में होगी एम फार्म की पढ़ाई, मान्यता जल्द मिलने की उम्मीद
Pharmacy course in Bihar प्राचार्य ने बताया कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा एम फार्म की परीक्षा आयोजित करने की सहमति प्राप्त हो चुकी है। दिसंबर या अगले वर्ष जनवरी से फार्मेसी कालेज में दो विषयों में एम फार्म की पढ़ाई शुरू होने की पूरी उम्मीद है।
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। बिहार में औषधि उत्पादन के साथ शोध को बढ़ावा देने के लिए अगमकुआं स्थित राजकीय फार्मेसी कालेज में एम फार्म की पढ़ाई जल्द ही शुरू होने वाली है। फार्मास्युटिक्स और फार्मास्युटिकल्स केमिस्ट्री विषय में एम फार्म का पठन-पाठन आरंभ करने की स्वीकृति फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से अगले सप्ताह मिलने की उम्मीद है। प्राचार्य ने बताया कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा एम फार्म की परीक्षा आयोजित करने की सहमति प्राप्त हो चुकी है। दिसंबर या अगले वर्ष जनवरी से फार्मेसी कालेज में दो विषयों में एम फार्म की पढ़ाई शुरू होने की पूरी उम्मीद है।
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से अगले सप्ताह छह-छह सीटों की मिल सकती है मान्यता
यह संभावना जताते हुए कालेज के प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पीसीआइ और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रत्येक विषय में छह-छह सीटों पर नामांकन लेने के लिए अनुमति मिल सकती है। 15 सीटों के लिए मांगी गई अनुमति के आलोक में इन सरकारी इकाइयों की टीम पूर्व में कालेज का वर्चुअल निरीक्षण कर चुकी है। मान्यता दिए जाने का प्रमाण-पत्र मिलने का इंतजार है।
जनवरी में एम फार्म के पहले बैच की पढ़ाई शुरू करने की कॉलेज में हो रही तैयारी
प्राचार्य ने बताया कि एम फार्म की पढ़ाई के लिए जरूरी सभी संसाधन कालेज में उपलब्ध हैं। प्रत्येक विषय में पीएचडी किए दो-दो शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 20 पदों के बदले 10 शिक्षक कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त तीन अतिथि शिक्षक भी अपनी सेवा दे रहे हैं। क्लास के लिए आठ ट्यृटोरियल रूम, सभागार, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, छात्रावास सभी कुछ है।
बढ़ेगा और समृद्ध होगा औषधि उद्योग
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य सह कॉलेज के शिक्षक डॉ. कुमार अजय ने बताया कि पीसीआइ और तकनीकी शिक्षा परिषद से अनुमति मिलते ही बिहार में फार्मेसी शिक्षा को उंचाई मिलेगी। यहां से बी फार्म और फार्म डी करने वाले विद्यार्थियों को एम फार्म के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कई दवा कंपनियां बिहार का रुख करेंगी। प्रदेश की कंपनियों को औषधि विश्लेषक मिलेंगे। यहां की औषधि जांच प्रयोगशाला भी समृद्ध होगी।