पटना मेट्रो के रास्ते में बाधक नहीं बनेगा लोहिया पथ चक्र, मिल-बैठकर अधिकारी दूर करेंगे समस्या
पुल निर्माण निगम के साथ एक-दो दिनों में तकनीकी टीम की बैठक होगी। इसमें पटना में चल रहे मेट्रो के निर्माण में लोहिया पथ चक्र के कारण आ रही कुछ बाधाओं को दूर करने पर चर्चा होगी। जल्द समस्या को दूर कर लिया जाएगा।
पटना, राज्य ब्यूरो। बेली रोड पर बनने वाले पटना मेट्रो कारिडोर-एक (Patna Metro Corridor 1) के कुछ हिस्से में निर्माणाधीन लोहिया पथ चक्र (Lohiya Path Chakra) के कारण आ रही बाधा जल्द दूर होगी। इसको लेकर पटना मेट्रो का काम कर रही एजेंसी दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन लिमिटेड (Delhi Metro Corporation Limited) ने पुल निर्माण निगम को पत्र लिखा है। इसमें पटना मेट्रो और पुल निर्माण निगम की टीम को बैठकर तकनीकी मामला सुलझाने की पहल की गई है।
लोहिया पथ चक्र के कारण कोई बड़ी बाधा नहीं
इस बाबत लोहिया पथ चक्र से जुड़े अधिकारियों का कहना है, लोहिया पथ चक्र के कारण कोई बड़ी बाधा की बात नहीं है। एक से दो जगहों पर कुछ इश्यू हैं, जिसके समाधान का प्रयास किया जा रहा है। एक से दो दिनों में बैठक कर जो भी इश्यू होंगे उनका निबटारा कर लिया जाएगा।
हड़ताली मोड़ के आसपास होगा सुधार
सूत्रों के अनुसार, बेली रोड पर ललित भवन से हड़ताली मोड़ तक के रूट पर ही दोनों प्रोजेक्ट में कुछ सामंजस्य की जरूरत है। बाकी जगह मामला फिट है। हड़ताली मोड़ के पास ही पटना मेट्रो का विकास भवन स्टेशन भी बनना है, जो भूमिगत होगा।
रुकनपुरा से जंक्शन तक भूमिगत होगी मेट्रो
दानापुर से खेमनीचक तक मेट्रो कॉरिडोर-एक लगभग 17 किलोमीटर लंबा है। इसमें 14 मेट्रो स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है। बेली रोड में दानापुर से पाटलिपुत्र स्टेशन तक मेट्रो का रूट ऊपरीगामी होगा जो रुकनपुरा के बाद से पटना जंक्शन तक भूमिगत रहेगा। इसके बाद मीठापुर से खेमनीचक फिर ऊपरीगामी मेट्रो रूट का प्रस्ताव है। वहीं दूसरा कारिडोर पटना स्टेशन से पाटलिपुत्र आइएसबीटी तक होगा जो लगभग 14 किमी लंबा होगा। इसमें 12 मेट्रो स्टेशन होंगे। मालूम हो कि 2024 तक दो कॉरीडोर पर मेट्रो का परिचालन शुरू किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। दोनों कॉरीडोर मिलाकर करीब 32 किलोमीटर लंबा मेट्रो का रूट होगा।