पटना के 40 मकान तोड़ने के आदेश पर बिफरे मोहल्लावासी, बोले-तीन फ्लोर बनाने तक क्यों नहीं रोका
आदर्श केन्द्रीय कारा बेउर की चारदीवारी से लगे चालीस भवनों को तोडऩे के आदेश पर आसपास के निवासी विरोध पर उतर आए हैं। इन मकानों से आपत्तिजनक सामान जेल के अंदर फेंकने की बात सामने आई थी। -
जागरण संवाददाता, पटनाः आदर्श केन्द्रीय कारा बेउर की चारदीवारी से लगे चालीस भवनों को तोड़ने के आदेश पर आसपास के निवासी विरोध पर उतर आए हैं। इन मकानों से आपत्तिजनक सामान जेल के अंदर फेंकने की बात सामने आई थी। इसके साथ ही इन मकानों को कैदियों व काराकर्मियों की सुरक्षा पर खतरा बताया गया है। हालांकि इन भवनों के निर्माण के लिए मकान मालिकों ने जेल प्रबंधन को जिम्मेदार बताया है। बताया गया कि जेल परिसर के निर्माण के समय ही पचास मीटर छोड़कर निर्माण कराया जाना था। परंतु उस वक्त जेल प्रशासन ने पूरी जमीन की घेराबंदी कर चारदीवारी बना ली। अब जो जमीन बची है उसका मालिकाना हक उनलोगों के पास है।
किसानों से खरीदी थी जमीन
इस संबंध में स्थानीय निवासी शशांक शेखर ने बताया कि जमीन उन्होंने किसानों से खरीदी है। इसके बाद जमीन का निबंधन कराया और नगर निगम से नक्शा पास कराने के बाद मकान बनाया। तीन मंजिला मकान बनने तक किसी ने रोक नहीं लगायी। अब 18 साल बाद कहा जा रहा है कि हम गलत तरीके से मकान बनाए हैं।
खतरे की बात बेबुनियाद है
वहीं दीपक कुमार व जेपी सिंह ने बताया कि उनके मकानों से जेल के भीतर आपत्तिजनक सामान फेंकने अथवा यहां से कैदियों व कारा कर्मियों को खतरे की बात बेबुनियाद है। जिन 40 मकानों की बात की जा रही है इनमें से अधिकांश मकान मालिक नियमित रूप से निगम को टैक्स दे रहे हैं। इस आदेश के खिलाफ मकान मालिक अदालत की शरण में जाएंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी किया जाएगा।
50 मीटर दूर ही किसी भी भवन का हो निर्माण
वहीं कारा अधिकारी जेल मैन्यूअल का हवाला देते हुए बताते हैं कि कारा की बाउंड्री से 50 मीटर दूर ही किसी भी भवन का निर्माण करना है। इसके अंदर भवन निर्माण से जेल के कैदियों एवं काराकर्मियों की सुरक्षा पर खतरा है।