बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर, मिलेगा 50 हजार से एक लाख रुपये तक का लोन

बीज खाद वगैरह के लिए किसानों के पास पैसों की कमी न हो इसके लिए बिहार सरकार ने पहल की है। पहले चरण में 20 जिलों के 25 हजार सब्जी उगाने वाले किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का लाभ दिया जा रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 04:27 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 04:27 PM (IST)
बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर, मिलेगा 50 हजार से एक लाख रुपये तक का लोन
किसानों को लोन लेना अब आसान होगा। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार में सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल किसानों के पास फसल बोने के समय सबसे बड़ी समस्या पूंजी की होती है। बीज, खाद वगैरह के लिए उनके पास पैसों की कमी न हो, इसके लिए बिहार सरकार ने पहल की है। पहले चरण में 20 जिलों के 25 हजार सब्जी उगाने वाले किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का लाभ दिया जा रहा है। पहले केवल अनाज उत्पादक किसानों को ही केसीसी दिए जाने की व्यवस्था थी। फिर सरकार ने इस योजना से पशुपालकों को जोड़ा और अब नई व्यवस्था में सब्जी उत्पादक किसानों को इस योजना में लाभ दिया जा रहा है।

इन जिलों के किसानों को लाभ देने की प्रक्रिया शुरू

सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पटना, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, भोजपुर, बक्सर, छपरा, गोपालगंज एवं सिवान जिले में पैक्सों से जुड़े सब्जी उत्पादक किसानों को केसीसी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले साल तक सहकारिता विभाग की ओर से डेढ़ लाख सब्जी उत्पादकों को किसान क्रेडिट दिया जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक केसीसी ऋण सुविधा मिलेगी। इस स्कीम का सबसे अधिक फायदा छोटे और मंझोले किसानों को मिलेगा।

सरकार का लक्ष्य केसीसी लाभ देने का

प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों से संबद्ध किसानों को सहकारी बैंकों के माध्यम से पूंजी मुहैया कराई जाएगी। इससे भारी ब्याज पर किसानों को महाजनों से कर्ज नहीं लेना होगा, बल्कि सरकार उन्हें ऋण मुहैया कराएगी। राज्य के सहकारी बैंक इसके लिए मदद करेंगे। सरकार का लक्ष्य दूसरे चरण में 50 हजार सब्जी उत्पादक किसानों को केसीसी देने का है। किसानों के लिए इसका फायदा उठाने की साधारण-सी शर्त है कि सब्जी उत्पादकों को प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों जुड़ना होगा।

chat bot
आपका साथी