साजिश का शिकार हो गए चिराग, लोजपा के वैशाली जिलाध्‍यक्ष बोले- आशीर्वाद यात्रा में राजद का षड्यंत्र

राष्ट्रीय जनता दल के समर्थकों और कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच गलत बयानबाजी कर रहे हैं। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उनके किए जा रहे हैं इस तरह के कार्यों से निश्चित रूप से यह पता चलता है कि वह बहुत बड़ी साजिश के शिकार हो गए हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 12:55 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 12:55 PM (IST)
साजिश का शिकार हो गए चिराग, लोजपा के वैशाली जिलाध्‍यक्ष बोले- आशीर्वाद यात्रा में राजद का षड्यंत्र
पशुपति पारस और चिराग पासवान। फाइल फोटो

हाजीपुर, जागरण संवाददाता। लोजपा के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व की तरह ही अलग-अलग जिलों में भी कार्यकर्ता आपस में बंट गए हैं। किसी जिले में चिराग तो कहीं पारस को अधिक समर्थन मिल रहा है। अपनी पार्टी में विरोध का सामना कर रहे चिराग पासवान ने अपने पिता की जयंती पर बिहार के वैशाली जिले से आशीर्वाद यात्रा शुरू की थी। उनकी इसी यात्रा के दौरान चाचा पशुपति पारस ने नई दिल्‍ली में नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ले ली। इसके बाद चिराग ने अचानक अपना कार्यक्रम बदला और दिल्‍ली लौट गए। दिल्‍ली में लौटते ही उनकी मुलाकात राजद के वरिष्‍ठ नेता श्‍याम रजक से हुई। इस बीच वैशाली जिले से लोजपा के अध्‍यक्ष ने चिराग पर बड़ा हमला किया है।

बोले- बहुत बड़ी साजिश का शिकार हो गए चिराग

लोजपा के वैशाली जिला अध्‍यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सांसद चिराग पासवान आशीर्वाद यात्रा नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनता दल की ओर से निर्देशित षड्यंत्र यात्रा कर रहे है। उन्होंने कहा है कि चिराग पासवान इन दिनों अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस एवं लोजपा के विरुद्ध राष्ट्रीय जनता दल के समर्थकों और कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच गलत बयानबाजी कर रहे हैं। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उनके किए जा रहे हैं इस तरह के कार्यों से निश्चित रूप से यह पता चलता है कि वह बहुत बड़ी साजिश के शिकार हो गए हैं।

चिराग को पिता तुल्‍य पारस का करना चाहिए सम्‍मान

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी उनकी गलत नीतियों के कारण ही एनडीए को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इसी का नतीजा है कि बिहार विधानसभा में लोजपा का एक भी विधायक नहीं है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जन आकांक्षाओं के विरुद्ध लिए गए गलत नीतियों के कारण ही पार्टी की यह दुर्दशा हुई है। उन्होंने सलाह दी है कि चिराग पासवान अपने पितातुल्य पशुपति कुमार पारस को समझें और उनके नेतृत्व में पार्टी को एक नए जोश के साथ आगे बढ़ाने का काम करें।

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