एलजेपी तोड़ने के बाद पहली बार बोले पशुपति पारस- चिराग की मनमानी के कारण मजबूरी में लिया फैसला
LJP Splits एलजेपी में टूट के बाद नेतृत्व अब पशुपति पारस के हाथों में है। इस घटना को लेकर उन्होंने अपने पहले बयान में चिराग पासवान पर मनमानी करने व राम विलास पासवान के सपनों को तोड़ने का आरोप लगाया है। कहा कि उन्होंने मजबूरी में यह फैसला लिया।
पटना, स्टेट ब्यूरो। LJP Splits लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में पांच सांसदों की बगावत और खुद को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संसदीय दल के नेता बनाए जाने पर हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) की कार्यशैली से पार्टी में 99 फीसद नेता और कार्यकर्ता नाराज थे। पार्टी की छवि दिन-प्रतिदिन खराब हो रही थी। मुझे इस बात की चिंता थी कि मेरे बड़े भाई राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के सिद्धांतों की बलि दी जा रही है। ऐसे में मजबूरी में एलजेपी में इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा। पार्टी के तमाम सांसदों और नेताओं के पास और कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था।
बोले: चिराग साथ रहना चाहें तो स्वागत है
पशुपति कुमार पारस ने बताया कि आज भी चिराग पासवान से उनकी कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। यदि वह उनके नेतृत्व में काम करने के इच्छुक हैं तो उनका स्वागत ही करेंगे। चिराग को पार्टी से निकाला नहीं है, वे पार्टी में बने हुए हैं और उनके जो अच्छे विचार या सुझाव होंगे, उन्हें मान लेंगे। कहा कि अब वे पार्टी का नेतृत्व सभी नेताओं एवं सांसदों की सर्वसम्मति से करेंगे, जो अब तक नहीं हो रहा था।
पार्टी छोड़ गए नेताओं से जुड़ने की अपील
पशुपति पारस ने बताया कि रामविलास पासवान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में रहकर एलजेपी को बुलंदियों पर पहुंचाया था और इसे जन-जन की पार्टी बना दिया था, लेकिन चिराग पासवान ने पार्टी को बर्बाद कर दिया। चिराग ने मेरे बड़े भाई के सपनों को चकनाचूर कर दिया। पारस ने कहा कि अब वे पार्टी को लोकहित में और जनता की सेवा के लिए समर्पित करेंगे। जब तक वे जिंदा हैं, एलजेपी के माध्यम से बिहार की जनता की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने चिराग के कारण पार्टी छोड़ गए नेताओं से भी फिर जुड़ने की अपील की।
चिराग के कारण विधानसभा चुनाव हारे
उन्होंने बताया कि बिहार में विधानसभा का चुनाव पार्टी के 99 फीसद नेता और कार्यकर्ता एनडीए के साथ लड़ना चाहते थे, लेकिन चिराग ने पीक एंड चूज का रास्ता अपनाया। इससे पार्टी के साथ साथ नेताओं की भद पिट गई। जबकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है और भविष्य में भी उनके नेतृत्व में ही बिहार विकास करता रहेगा।
एनडीए में पहले की तरह रहेगी एलजेपी
एक सवाल के जवाब में पारस ने बताया कि वे अपनी पार्टी को जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल नहीं करेंगे, बल्कि एनडीए के गठबंधन के रूप में एलजेपी पहले जैसा ही काम करेगा और राज्य सरकार के विकास कार्यों में सहयोग करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार में शामिल होने के सवाल पर कहा कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है कि वे एलजेपी को मंत्रिमंडल (PM Modi Cabinet) विस्तार में शामिल करते हैं कि नहीं। एलजेपी एनडीए के साथ है और मोदी देश के लोकप्रिय नेता हैं। उनके नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है।