राम विलास पासवान की मौत के साल भर के अंदर ही LJP दो-फाड़, बागी चाचा पारस को मनाने में जुटे चिराग

LJP Splits राम विलास पासवान के निधन का एक साल के भीतर एलजेपी दो-फाड़ हो गई है। पांच सांसदों ने पशुपति पारस के नेतृत्‍व में चिराग पासवान के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। इस बीच चिराग पासवान अपने बागी चाचा पशुपति पारस को मनाने में जुट गए हैं।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 12:46 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 12:09 PM (IST)
राम विलास पासवान की मौत के साल भर के अंदर ही LJP दो-फाड़, बागी चाचा पारस को मनाने में जुटे चिराग
अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ गए एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान। फाइल तस्‍वीर।

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। LJP Splits बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अलग होकर लड़ने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के ग्रह-नक्षत्र ठीक नहीं चल रहे हैं। विधानसभा चुनाव में पराजय और उसके बाद टूट से उबरने की कोशिश कर रही पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। एलजेपी के छह में से पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है। इन पांचों सांसदों का नेतृत्व राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के छोटे भाई और हाजीपुर के सांसद पशुपति नाथ पारस (Pashupati Paras) कर रहे हैं। एलजेपी के बागी सांसदों ने लोकसभा के स्‍पीकर को इस बाबत अपना पत्र दे दिया है। पशुपति पारस ने कहा है कि एलेजपी से अलग मान्यता के लिए वे लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) के बुलाने पर उनसे मुलाकात करेंगे। वे आज चुनाव आयोग (Election Commission) से मिलेंगे। इस बीच खबर मिली है कि चिराग पासवान ने अपने बागी चाचा पशुपति पारस को मनाने की कोशिश तेज कर दी है। वे उनके घर के पास गाड़ी में 20 मिनट तक इंतजार करने के बाद अंदर गए।

जाहिर तौर पर पार्टी सांसदों का यह कदम एलेजपी सुप्रीमो चिराग पासवान (Chirag Paswan) की उम्मीदों को बड़ा झटका दे सकता है। संस्‍थापक राम विलास पासवान की मौत के एक साल के भीतर ही पार्टी दो-फाड़ हो गई है। इस टूट को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने वाले मंत्रिमंडल विस्‍तार से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

पांच सांसदों ने छोड़ा साथ, लोकसभा में अकेले पड़े चिराग

एलजेपी में टूट की पटकथा के पीछे जनता दल यूनाइटेड (JDU) के एक दिग्गज सांसद का नाम आ रहा है। बागी पांचों सांसदों पशुपति पारस, प्रिंस पासवान, वीणा सिंह, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर के जेडीयू में शामिल होने की भी चर्चा है। इसके साथ लोकसभा में चिराग अकेले पड़ जाएंगे।

चाचा पशुपति पारस को मनाने में जुटे चिराग पासवान

बताया जाता है कि घटनाक्रम के बीच चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस को मनाने में जुट गए हैं, लेकिन अभी तक बात नहीं बनी है। दोपहर में चिराग पासवान को पशुपति पारस के घर के बाहर गाड़ी में देखा गया। चिराग लगातार माेबाइल पर व्‍यस्‍त दिखे। माना जा रहा है कि वे चाचा से बातचीत करने के लिए घर का दरवाजा खुलवाना चाह रहे थे। चिराग करीब 20 मिनट इंतजार करने के बाद घर के अंदर गए। उन्‍होंने मीडिया से कुछ भी नहीं बोला। बताया जा रहा है कि जिस वक्‍त चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे, चाचा घर पर नहीं थे। हालांकि, बाद में आ गए।

केंद्र में मंत्री बनाए जा सकते हैं पशुपति कुमार पारस

लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल व विस्‍तार की संभावना है। राम विलास पासवान के निधन के बाद से वह स्‍थान रिक्‍त पड़ा है। ऐसे में  देखना यह है कि क्‍या एलजेपी के  इस नए गुट को मंत्रिमंडल में जगह मिलती है। वैसे, चर्चा है कि पशुपति कुमार पारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू कोटे से मंत्री भी बनाए जा सकते हैं।

बिहार के एकमात्र विधायक में जेडीयू में हो गए शामिल

इसके पूर्व बिहार विधानसभा चुनाव में 143 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली एलजेपी महज एक सीट जीत पाई थी। लेकिन महिटानी के अपने विधायक रामकुमार शर्मा को भी चिराग पासवान सहेज नहीं सके और वह जेडीयू में शामिल हो गए। इसके पहले चुनाव परिणाम के बाद कई जिलाध्यक्ष समेत दो सौ से ज्यादा नेता एलजेपी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए थे।

विधानसभा चुनाव के पहले भी सांसदों में टूट की थी चर्चा

विधानसभा चुनाव के पहले भी पार्टी के सांसदों में टूट की बात सामने आई थी। उस वक्त भी बागी सांसदों का नेतृत्व पशुपति कुमार पारस ही कर रहे थे। हालांकि, बाद में अपने लेटर हेड पर इन चर्चाओं का खंडन कर पारस ने इस मामले पर विराम लगा दिया था। वैसे, एलपजेपी कोई पहली बार नहीं टूटी है। इसमें छोटे-बड़े बिखराव कई बार हो चुके हैं।

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