चिराग पासवान बोले- मुट्ठी भर लोग नहीं छीन सकते पार्टी, बिहार के CM नीतीश पर लगाया बड़ा आरोप
चिराग पासवान ने मंगलवार को चिट्ठी से अपने विरोधियों पर कटाक्ष किया है। ट्वीट करते हुए चिराग ने पिता स्व. रामविलास पासवान को याद किया है और नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है। साथ ही चाचा पशुपति और भाई पर भी हमला किया है।
जागरण टीम, पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में मचे घमासान के बीच जमुई सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को चिट्ठी से अपने विरोधियों पर कटाक्ष किया है। ट्वीट करते हुए चिराग ने चार पेज का पत्र जारी किया है। चिट्ठी में चिराग ने अपने पिता स्व. रामविलास पासवान को याद करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है। साथ ही चाचा पशुपति कुमार पारस और भाई प्रिंस राज पर भी हमला किया है।
चिराग ने अपनी चिट्ठी की शुरुआत पिता रामविलास पासवान को याद करते हुए की है। इसके बाद उन्होंने 2020 में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी को मिले जनता के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि जदयू ने हमेशा लोजपा को तोड़ने की कोशिश की। चिराग ने आरोप लगाया कि संघर्ष के दिनों में नीतीश कुमार ने मुझे और मेरे पिता को अपमानित किया, लेकिन रामविलास कभी नहीं झुके। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान लोजपा के छह सांसदों को हराने में जदयू ने कोई कसर नहीं छोड़ी। चिराग ने कहा कि जब पिता बीमार थे तो राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक फोन करके हाल पूछते थे, लेकिन नीतीश का यह कहना कि उन्हें रामविलास के खराब स्वास्थ्य की जानकारी नहीं है, उनका अहंकार दर्शाता है।
बिहार की जनता को नीतीश ने दिया धोखा
चिराग ने कहा कि नीतीश ने राज्यसभा नामांकन के लिए मदद मांगने तक को हमें मजबूर किया। जमुई से लोजपा सांसद चिराग ने कहा कि मुझे इस बात से ताज्जुब होता है कि कैसे पार्टी से निष्कासित सांसद ऐसे व्यक्ति के साथ खड़े हो सकते हैं जिन्होंने रामविलास को ही नहीं बल्कि बिहार की जनता को धोखा दिया। चिराग ने आरोप लगाया कि नीतीश यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि कोई दलित राजनीति में आगे बढ़े।
भाई और सांसदों ने मिलकर पीठ में घोपा खंजर
चिराग ने एकबार फिर कहा कि मैं शेर का बेटा हूं। मैं डरता, घबराता नहीं। चिराग ने कहा कि परिवार टूटने का मुझे दुख है। उन्होंने कहा कि पिता ने निधन के बाद चाचा (पशुपित कुमार पारस) ही परिवार के मुखिया थे पर उन्होंने हमें अकेला छोड़ दिया। चाचा ने मुझसे बात तक करनी छोड़ दी।
चाचा ने दिया मुझे धोखा
चिराग ने कहा कि अगर पशुपति कहते तो मैं उनका नाम मंत्री बनने के लिए लोजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखता। चिराग ने कहा कि अगर पशुपति कहते तो मैं उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समक्ष रखता। लेकिन चाचा ने मुझे धोखा दिया। भाई और पार्टी के अन्य सांसदों ने मेरी पीठ में खंजर घोपने का काम किया।