एक क्लिक पर विवादित जमीन की जानकारी, बिहार के थाने, अस्पताल, स्कूल का भी चलेगा पता

जीआइएस मैपिंग हो जाने के बाद किसी थाना क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी एक जगह से दूसरे जगह की दूरी आदि मोबाइल पर ही एक क्लिक पर मिल जाएगी। गृह विभाग इसकी मानीटरिंग कर रहा है। इसके लिए ऐप भी तैयार कर लिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 10:28 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 10:28 PM (IST)
एक क्लिक पर विवादित जमीन की जानकारी, बिहार के थाने, अस्पताल, स्कूल का भी चलेगा पता
बिहार में अब एक क्लिक पर जमीन की जानकारी मिल जाएगी। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य के थाना, अस्पताल, स्कूल व अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों व स्थलों की जानकारी के लिए राज्य सरकार भोगौलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) मैपिंग कराएगी। जीआइएस मैपिंग हो जाने के बाद किसी थाना क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी, एक जगह से दूसरे जगह की दूरी आदि मोबाइल पर ही एक क्लिक पर मिल जाएगी। गृह विभाग इसकी मानीटरिंग कर रहा है। इसके लिए ऐप भी तैयार कर लिया गया है, जिसे एक-दो दिनों में गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 10 जिलों में जीआइएस मैपिंग का काम सबसे पहले होगा जहां फिलहाल प्रशिक्षण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही विवादित जमीन की भी जानकारी मिल जाएगी। 

गृह विभाग ने ई-गर्वनेंस से जुड़े विषयों को लेकर पिछले दिनों विस्तृत समीक्षा बैठक की इसमें जीआइएस मैपिंग पर भी चर्चा हुई। बैठक में एनआइसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के प्रतिनिधियों ने बताया कि अग्निशाम कार्यालय के द्वारा एप के लिए डाटा फील्ड उपलब्ध करा दिया गया है, जिसके बाद ऐप में संशोधन भी कर दिया गया है। 

इन 10 जिलों में प्रशिक्षण कार्य

जीआइएस मैपिंग का कार्य बिहार के सभी जिलों में थानास्तर पर होना है। इसके लिए संबंधित जिलों के थानाध्यक्ष इसे प्लेस्टोर से डाउनलोड कर डाटा फीड करेंगे। इसके बाद सेटेलाइट मोड से इसे जांचकर डिजिटल नक्शा तैयार किया जाएगा। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत अरवल, पूर्णिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, भागलपुर, सहरसा, सारण, गया व बेतिया में जीआइएस मोबाइल ऐप के प्रशिक्षण का कार्य अगले एक से दो दिनों में पूरा करने का निर्देश दिया गया है। 

विवादित जमीन की भी होगी जानकारी

जीआइएस मैपिंग में कब्रिस्तान, मठ-मंदिर की जमीन के साथ विवादित जमीन भी दर्शाई जाएगी। यह डाटा थाना, प्रशासन, ब्लाक, सिविल सर्जन सबके पास उपलब्ध होगा। इससे विधि-व्यवस्था में भी मदद मिलेगी। कहीं भी विवाद या आपात स्थिति होने पर उस जगह तक संसाधन पहुंचाने के लिए जीआइएस मैप का सहारा लिया जा सकेगा। इससे त्वरित कार्रवाई में मदद मिलेगी।

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