मेट्रो के लिए पटना की 76 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को मिली मंजूरी, राजधानी के इस इलाके की है भूमि

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने करीब 76 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी। विभागीय मंत्री रामसूरत कुमार ने जमीन संबंधी पटना के प्रमंडलीय आयुक्त के प्रस्ताव पर दस्तखत कर दी। यह जमीन पहाड़ी और रानीपुर में स्थित है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:42 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:42 PM (IST)
मेट्रो के लिए पटना की 76 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को मिली मंजूरी, राजधानी के इस इलाके की है भूमि
पटना मेट्रो के लिए राजधानी के इस इलाके की जमीन के अधिग्रहण को मंजूरी मिल गई है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: पटना मेट्रो के निर्माण की एक बड़ी बाधा गुरुवार को दूर हो गई। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने करीब 76 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी। विभागीय मंत्री रामसूरत कुमार ने जमीन संबंधी पटना के प्रमंडलीय आयुक्त के प्रस्ताव पर दस्तखत कर दी। यह जमीन पटना के पहाड़ी और रानीपुर में स्थित है। दोनों सदर अंचल के गांव हैं। पहाड़ी 50.59 जबकि रानीपुर में 25.35 एकड़ जमीन है। यह जमीन सरकारी और रैयती है। यहां मेट्रो रेल डीपो का निर्माण होगा। मंत्री रामसूरत कुमार ने बताया कि जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव मंजूर होने के बाद अब मेट्रो निर्माण की गति तेज होगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। मेट्रो का निर्माण होने के बाद शहर की यातायात समस्या समाप्त हो जाएगी।

भू अर्जन सरकार की प्राथमिकता में

मालूम हो कि 50 एकड़ से कम जमीन के अधिग्रहण की मंजूरी जिला पदाधिकारी देते हैं। इससे अधिक रकबा के अधिग्रहण के लिए सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है। मंत्री ने कहा कि भू अर्जन सरकार की प्राथमिकता में है। ज्यादा जरूरी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले में वे खुद दिलचस्पी लेते हैं। ताकि जमीन की कमी की वजह से किसी परियोजना में देरी न हो।

भू अर्जन की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का आदेश  

विभागीय मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा कि राजस्व विभाग के भू अर्जन निदेशालय को कहा गया है कि वह जल्द अधिसूचना जारी कर भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू कर दे। गजट में अधिसूचना के प्रकाशन के बाद इसे आम लोगों की जानकारी में लाया जाएगा। भू अर्जन विभाग अखबारों में विज्ञापन देने के अलावा स्थानीय निकायों के सूचना पट और वेबसाइट पर अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित जमीन का ब्यौरा देगा। आपत्तियों के निबटारा और रैयती जमीन के मुआवजा भुगतान के बाद इस जमीन पर पटना मेट्रो का स्वामित्व कायम हो जाएगा। 

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