Patna Metro: पटना मेट्रो प्रोजेक्‍ट के लिए जल्‍द शुरू होगा जमीन अधिग्रहण, 15 दिनों में नोटिफिकेशन

Patna Metro Rail News जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने में लगभग एक हजार करोड़ की राशि खर्च होने की संभावना है। राज्य सरकार की ओर से यह खर्च वहन किया जायेगा। इसके लिए 20 फीसदी राज्य और 20 फीसदी राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही है

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 21 Aug 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sat, 21 Aug 2021 09:25 AM (IST)
Patna Metro: पटना मेट्रो प्रोजेक्‍ट के लिए जल्‍द शुरू होगा जमीन अधिग्रहण, 15 दिनों में नोटिफिकेशन
पटना मेट्रो रेल के काम में आ गई है तेजी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Patna Metro Rail Project: पटना मेट्रो डिपो (Patna Metro Rail Depot) के जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) की बाधा काफी हद तक दूर कर ली गई है। जिला प्रशासन (District administration) के द्वारा जमीन अधिग्रहण को लेकर एक सप्ताह से 15 दिन के भीतर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। जानकारी के अनुसार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (New Bus Stand in Patna) के पास रानीपुर मौजा और पहाड़ी मौजा में करीब 75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। जमीन अधिग्रहण का काम जिला प्रशासन की ओर से किया जाना है।

पहले ही चिह्न‍ित की जा चुकी है जमीन

नगर विकास व आवास विभाग की ओर से जिला प्रशासन को जमीन अधिग्रहण की अधियाचना पहले ही भेज दी गई है। इसी अधियाचना के आलोक में जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू करने जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से जमीन कर्णांकित की जा चुकी है। इसके बाद जिला प्रशासन खसरा, खाता नंबर के साथ अधिग्रहण होने वाली जमीन की सूची जारी करेगा।

मेट्रो डिपो की जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना 15 दिनों में रानीपुर मौजा और पहाड़ी मौजा में है जमीन की जरूरत करीब 75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा

भूमि मालिकों से मांगी जाएगी दावा-आपत्ति

सूची जारी होने के बाद दावा-आपत्ति आमंत्रित की जाएगी। इसके निराकरण के लिए जिला स्तर पर जनसुनवाई होगी। फिर अंत में किसानों के खाते में राशि भेजी जायेगी। इस प्रकार से अधिग्रहण का काम पूरा होगा।

जमीन अधिग्रहण में एक हजार करोड़ होंगे खर्च

जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने में लगभग एक हजार करोड़ की राशि खर्च होने की संभावना है। राज्य सरकार की ओर से यह खर्च वहन किया जायेगा। गौरतलब है कि मेट्रो निर्माण के लिए 20 फीसदी राशि राज्य सरकार और 20 फीसदी राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही है, जबकि शेष 60 फीसदी राशि जायका के माध्यम से कर्ज लिया जा रहा है।

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