जेल जाकर भी नहीं सुधरे लालू यादव, मांगें सार्वजनिक मांफी; राजद सुप्रीमो पर बिहार में कांग्रेस हमलावर

लालू प्रसाद ने दिल्ली में रविवार को कहा कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास भकचोंधर हैं। पार्टी ने कहा है कि लालू जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरे हैं। उन्हें अपने बयान पर सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 04:38 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 04:38 PM (IST)
जेल जाकर भी नहीं सुधरे लालू यादव, मांगें सार्वजनिक मांफी; राजद सुप्रीमो पर बिहार में कांग्रेस हमलावर
राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस का चुनाव चिह्न। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राजद-कांग्रेस के रिश्ते टूटते ही दोनों एक दूसरे के घूर विरोधी हो गए हैं। लालू प्रसाद ने दिल्ली में रविवार को कहा कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास भकचोंधर हैं। उपचुनाव में हारने के लिए कांग्रेस को सीट नहीं दे सकते। लालू के बयान की कांग्रेस ने जहां निंदा की वहीं जवाबी हमला भी किया है। पार्टी ने कहा है कि लालू जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरे हैं। उन्हें अपने बयान पर सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा लालू प्रसाद समेत राजद के अन्य नेताओं को संयम नहीं खोना चाहिए। राजनीति में सम्मान की एक भाषा होती है राजद उसका पालन करे। गठबंधन उन्होंने तोड़ा है। हार से घबराहट में राजद मर्यादा की भाषा भूल गई है।

वहीं मीडिया सेल के अध्यक्ष राजेश राठौड़ ने कहा कि लालू के पतन की वजह उनकी हठधर्मिता है। जब-जब वे जिद पर अड़े सत्ता से बाहर हुए हैं। इस बार भी उनका यही हश्र होने वाला है। पार्टी प्रवक्ता आसितनाथ तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ किसी व्यक्ति का अपमान नहीं है बल्कि यह पूरे अनुसूचित समुदाय का अपमान है। एक अनुसूचित जाति के नेता के बिहार प्रभारी बन जाने से सामंतवादी सोच वाले लोग बेहद नाराज हैं। लालू प्रसाद का बयान उसी सामंती सोच का नतीजा है। यह सामंती सोच किसी दलित, अल्पसंख्यक, गरीब और मजदूर को आगे बढ़ता देख परेशान हो जाती है। लालू प्रसाद यादव पुत्र मोह में सामंतवादी होते जा रहे हैं। उन्हें अपने बयान के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। 

प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि लालू यादव हमेशा से दलितों का अपमान करते रहे हैं, चाहे वो राम सुंदर दास हों या रामविलास पासवान। लालू यादव दलित नेताओं को काली बिलार, मौसम वैज्ञानिक और अब भकचोंधर जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर अपनी दलित विरोधी मानसिकता का परिचय हर समय दिया हैं। दास के लिए अपमानजनक शब्द कहने से यह तय हो गया कि लालू यादव हमेशा अनुसूचित जाति के विरोधी रहे हैं और अभी भी हैं। जेल जाने से उनमें कोई बदलाव नहीं आया है।

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