Lalu Prasad Yadav: जेल से ही साढ़े चार महीने चलाई बिहार की सरकार, लालू यादव पर लग चुका है यह भी आरोप

Lalu Prasad Yadav राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर इस बार बिहार की सरकार को गिराने के लिए जेल से ही साजिश रचने का आरोप सत्‍तापक्ष ने लगाया है। ऐसे आरोप तक भी लगे थे जब लालू सत्‍ता पक्ष में रहते हुए जेल में थे...

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 02:49 PM (IST)
Lalu Prasad Yadav: जेल से ही साढ़े चार महीने चलाई बिहार की सरकार, लालू यादव पर लग चुका है यह भी आरोप
तब बीएमपी के गेस्‍ट हाउस को लालू के लिए बना दिया गया था जेल। जागरण

पटना, जेएनएन। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) जेल से फोन करने के लिए ही नहीं, बल्कि सरकार चलाने के लिए भी जाने जाते हैं। उनपर करीब साढ़े चार महीने तक जेल से ही बिहार की सरकार (Government of Bihar) चलाने का आरोप लग चुका है। बात उस समय की है जब चारा घोटाले (Chara Scam) में 30 जुलाई 1997 को लालू को पहली बार जेल (Jail) जाना पड़ा था। तब वह 12 दिसंबर 1997 तक कुल 135 दिन जेल में रहे। विपक्ष का आरोप रहा इस दौरान जेल से ही वह सरकार के हर कदम की निगरानी और मार्गदर्शन करते रहे। राबड़ी देवी (Rabari Devi के नेतृत्व वाली बिहार सरकार को उनका निर्देशन लगातार मिलता रहा।

जेल जाने से पहले लालू ने कर ली थी हर जरूरी व्‍यवस्‍था

तत्कालीन राज्यपाल एआर किदवई ने चारा घोटाले में सीबीआई को लालू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी तो लालू को अहसास हो गया कि उन्हें जेल जाना ही पड़ेगा। जेल जाने से पहले लालू ने अपने रास्ते की सारी बाधाएं एक-एक कर दूर कीं। उनकी पार्टी उस वक्त जनता दल थी, जिसके वह खुद अध्यक्ष भी थे। शरद यादव (Sharad Yadav) को कार्यकारी अध्यक्ष बना रखा था।

लगा कि अध्‍यक्ष नहीं बन पाएंगे तो करा दिया दल का विभाजन

चारा घोटाले में आरोप पत्र (Charge Sheet in Fodder Scam) दाखिल होने पर जनता दल के अन्य नेताओं ने उन्हें नैतिक आधार पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो लालू ने बचाव के लिए एक अलग ही तरकीब निकाल ली। उस वक्त जनता दल का सांगठनिक चुनाव भी चल रहा था, जिसमें आरोपित लालू दोबारा अध्यक्ष पद की दौड़ में थे। जब उन्हें लगा कि वह इस बार जीत नहीं पाएंगे तो उन्होंने अपनी पार्टी का ही विभाजन कर दिया। पांच जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नाम से अलग पार्टी बनाई।

जेल जाने के पांच दिन पहले राबड़ी को बनवा दिया विधायक दल का नेता

जेल जाने के मात्र पांच दिन पहले लालू प्रसाद (Laloo Prasad Yadav) ने गृहिणी पत्नी राबड़ी देवी (Rabari Devi) को राजद विधायक दल का नेता बना दिया। तब राबड़ी पूरी तरह घरेलू महिला थीं और राजनीति से उन्हें कभी कोई वास्ता नहीं रहा था। किंतु लालू ने उन्हें अपने बदले बिहार की बागडोर सौंप दी। अब अनुभवहीन मुख्यमंत्री को सरकार चलाने की तरकीब बताना जरूरी था। लालू प्रसाद ने सत्ता और अपने रसूख का इस्तेमाल करके पटना स्थित बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) के गेस्ट हाउस (BPM guest house) को ही जेल में तब्दील करवा दिया। 12 दिसंबर 1997 तक जमानत (Bail) मिलने तक लालू उसी गेस्ट हाउस में कैद रहे और बिहार सरकार के सारे निर्णय लेते रहे।

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