चेहरा दिखाकर प्रैक्टिकल परीक्षा पास हाे जाते हैं स्‍टूडेंट, ऐसा है पटना के महिला कॉलेजों का हाल

महिला कॉलेजों में बिना प्रयोग किए प्रायोगिक परीक्षाएं दे रहीं छात्राएं कहीं प्रयोगशाला है तो कर्मचारियों व उपकरणों की दरकार कहीं छात्राएं लैब के नाम से अनभिज्ञ राजधानी के दो महिला कॉलेजों में उपलब्ध है प्रयोगशाला की सुविधा छात्राएं नहीं कर पातीं प्रयोग

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 11:09 AM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 11:09 AM (IST)
चेहरा दिखाकर प्रैक्टिकल परीक्षा पास हाे जाते हैं स्‍टूडेंट, ऐसा है पटना के महिला कॉलेजों का हाल
पटना के महिला कॉलेजों का बुरा है हाल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, अंकिता भारद्वाज। बिहार में शिक्षा क्षेत्र की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। यहां शिक्षा बोर्ड हो विश्वव‍िद्यालय किसी तरह परीक्षा ले लेने और रिजल्‍ट जारी करने को लेकर काफी नाम कमा चुके हैं। बिहार में पढ़ाई और परीक्षाओं का क्‍या हाल है? इसका उदाहरण आपको पटना के ही कॉलेजों में मिल जाएगा। राजधानी के महिला कॉलेजों में प्रयोगशालाओं की हालत बहुत खराब है। कहीं छात्राओं को लैब के बारे में जानकारी नहीं है तो कहीं लैब है, पर कर्मचारी नहीं होने के कारण छात्राओं को सामान का प्रयोग करने में कठिनाई होती है। ऐसे में छात्राएं बिना प्रयोग किए ही प्रायोगिक परीक्षा देती हैं। उन्हें रसायन व भौतिक विज्ञान के प्रैक्टिकल के बारे में जानकारी ही नहीं होती है।

मगध महिला कॉलेज में लैब है तो कर्मियों के पद खाली पड़े

मगध महिला कॉलेज में प्रयोगशाला की व्यवस्था तो समुचित है, पर यहां कर्मियों की कमी के कारण ठीक से कार्य नहीं हो पाता है। कॉलेज की प्राचार्या शशि शर्मा ने बताया, लैब से जुड़े ज्यादातर लोग रिटायर हो चुके हैं। पिछले साल बिहार सरकार की ओर से एक लाख रुपये लैब की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए दिए गए थे, जिसका इस्तेमाल भी किया गया। लेकिन छात्राओं को ज्यादा फायदा नहीं मिला। छात्राएं प्रैक्टिकल क्लास तो ज्वॉइन करती हैं, पर कर्मचारियों की तंगी के कारण वह ठीक से काम नहीं कर पाती हैं। कॉलेज प्रशासन के अनुसार, फिजिक्स विभाग में चार, केमिस्ट्री विभाग में पांच, जूलॉजी में पांच और बॉटनी में छह पद अभी भी रिक्त हैं।

पटना वीमेंस कॉलेज में सारी सुविधाएं हैं उपलब्ध

पटना वीमेंस कॉलेज एक मात्र ऐसा महिला कॉलेज है, जिसके पास फंड इक्विपमेंट्स असिस्टेंट, लैब टेक्नीशियन और स्टोर कीपर मौजूद है। इसी साल शुरू हुए एमएससी फिजिक्स विषय के लिए भी 12 सेट का नया इक्विपमेंट्स लाया गया है। भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अपराजिता कृष्णा बताती हैं, कॉलेज में प्रैक्टिकल को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता है।

अन्य कॉलेजों की छात्राओं को नहीं है लैब की जानकारी

राजधानी के अन्य महिला कॉलेजों में लैब की स्थिति और भी खराब है। न तो वहां फंड इक्विपमेंट्स असिस्टेंट हैं और न ही लैब के सामान सही तरीके से मौजूद हैं। यही नहीं, कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को प्रयोगशाला के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।

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