'पैगाम-ए-खीर' से कुशवाहा का संदेश- NDA में नहीं आंके JDU से कमतर

उपेन्द्र कुशवाहा ने मंगलवार को पटना में पैगाम ए खीर कार्यक्रम आयोजित किया। इसे एनडीए में अलग-थलग पड़े कुशवाहा की जनाधार बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 09:07 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 08:23 PM (IST)
'पैगाम-ए-खीर' से कुशवाहा का संदेश- NDA में नहीं आंके JDU से कमतर
'पैगाम-ए-खीर' से कुशवाहा का संदेश- NDA में नहीं आंके JDU से कमतर

पटना [राज्य ब्यूरो]। सामाजिक समीकरण के नए फॉर्मूले के साथ रालोसपा प्रमुख व केन्द्रीय राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने मंगलवार को अपना चुनावी अभियान आरंभ कर दिया। उन्होंने पंचायत परिषद भवन में 'पैगाम ए खीर' कार्यक्रम आयोजित कर समाज के विभिन्न तबकों को रालोसपा के पक्ष में गोलबंद करना प्रारंभ कर दिया। उन्होंने इशारों इशारों में संकेत दे दिए कि एनडीए में जदयू की तुलना उनको कमतर आंकना सही नहीं है।  

जनाधार बढ़ाने की कोशिश में कुशवाहा

एनडीए में अलग-थलग पड़े कुशवाहा बिहार में रालोसपा का जनाधार बढ़ाने के प्रयास में लगे हैं। अगस्त माह में एसकेएम हॉल में उपेंद्र कुशवाहा ने बीपी मंडल की जन्मशती समारोह में यदुवंशी का दूध एवं कुशवंशी के चावल के मिलने पर बढिय़ा खीर बनने का बयान दिया था। कुशवाहा यहीं नहीं रुके और कहा कि खीर तब तक स्वादिष्ट नहीं बनेगी जब तक उसमें अति पिछड़ी जाति का पंचमेवा नहीं पड़ेगा।

बयान से गरमाई सियासत तो दी सफाई

उनके बयान से सियासत का पारा गरमा गया और रालोसपा के एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन से हाथ मिलाने की चर्चा तेज हो गई। बाद में कुशवाहा ने खीर के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वे सामाजिक एकता की बात कह रहे थे, जिसे अर्थ का अनर्थ कर दिया गया।

ऐसे हुआ पैगाम-ए-खीर कार्यक्रम का आयोजन

खीर के बयान के चलते किरकिरी कराने के बाद भी कुशवाहा नहीं रुके और 25 सितंबर को पटना में पैगाम ए खीर का आयोजन करने का एलान कर दिया। तय कार्यक्रम के तहत आज पंचायत परिषद भवन में पैगाम ए खीर का आयोजन किया गया। यदुवंशी से दूध, कुशवंशी से चावल, ब्राह्मण से चीनी, अति पिछड़ी जाति के सहयोग से मिले पंचमेवा से खीर बनाई गई। उसके बाद अनुसूचित जाति समाज से आने वाले उपेन्द्र पासवान ने खीर में तुलसी का पत्ता डाला। फिर सभी जाति एवं धर्म के लोगों ने दस्तरखान पर एक साथ बैठकर खीर का आनंद उठाया।

chat bot
आपका साथी