बिहार में किडनी मरीजों को मुफ्त में मिलेगी डायलिसिस की सुविधा, मंगल पांडेय बोले- खरीदी जाएंगी और मशीनें

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में किडनी के मरीजों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश में 175 डायलिसिस मशीनें हैं। आवश्यकता पडऩे पर और मशीनें खरीदी जाएंगी।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 09:54 AM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 09:54 AM (IST)
बिहार में किडनी मरीजों को मुफ्त में मिलेगी डायलिसिस की सुविधा, मंगल पांडेय बोले- खरीदी जाएंगी और मशीनें
बिहार सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में किडनी के मरीजों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश में 175 डायलिसिस मशीनें हैं। आवश्यकता पडऩे पर और मशीनें खरीदी जाएंगी। मंत्री पांडेय ने कहा कि सरकार गरीब मरीजों को मुफ्त बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है। 38 में से 35 जिलों में मेडिकल कालेज अस्पताल या सदर अस्पताल में मुफ्त डायलिसिस व्यवस्था है। अभी तक 1077 मरीज मुफ्त डायलिसिस का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा किडनी रोग का इलाज काफी महंगा होता है। आर्थिक रूप से कमजोर किडनी रोग के मरीजों के लिए डायलिसिस करा पाना संभव नहीं हो पाता है।

किडनी रोग के इलाज के लिये दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम शुरू किया गया था। जिसके तहत गरीब मरीजों को मुफ्त में डायलिसिस की सुविधा दी जाती है। राशन कार्डधारी मरीजों को डायलिसिस कराने के एवज में कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीपीपी मोड में 35 जिलों के सदर या मेडिकल कालेज अस्पताल में पांच-पांच डायलिसिस मशीनें क्रियाशील हैं। जहानाबाद, कटिहार और सहरसा में भी मशीन लगाने की प्रक्रिया चल रही है।

राज्य के मेडिकल कालेज व अस्पतालों में करीब 350 सीनियर रेजिडेंट व ट्यूटर की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इन पदों पर पूर्व से काम करने वाले सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर की सेवा 30 सितंबर को समाप्त कर दी। सीनियर रेजिडेंट तीन साल की निर्धारित अवधि के लिए नियुक्त किए गए थे। जिसकी मियाद 30 जून को पूरी हो गई थी। इसके बाद इन्हें तीन महीने का अवधि विस्तार दिया गया था। कोरोना की दूसरी लहर में नये सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया रुकी हुई थी। अब राज्य के मेडिकल कालेज अस्पतालों में पहली बार बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के माध्यम से सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति की जा रही है। ऐसे पदों की संख्या करीब 350 है।

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