खुद को रखें व्यस्त, स्वजनों को दें भरपूर समय
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों ने अपने आप को घरों में कैद कर रखा है
पटना। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों ने अपने आप को घरों में कैद कर रखा है। लगातार घर में ही रहने और काम की कमी से परिवार के सदस्यों के बीच कहासुनी और विरोध की घटनाएं बढ़ रही हैं। लोगों के बीच मानसिक तनाव भी बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। इसको देखते हुए मनोवैज्ञानिक भी ऑनलाइन काउंसलिग कर रहे हैं।
बच्चों के साथ समय गुजारने से कम होता है तनाव :
मनोवैज्ञानिक समिधा पांडेय के अनुसार लगातार घर में रहने के कारण लोगों में मानसिक परेशानी की समस्या बढ़ रही है। कभी-कभी किसी से बात करने या कोई भी काम करने की इच्छा नहीं होती है। ऐसी स्थिति में घर के छोटे बच्चों के साथ खेलना और बातें करना फायदेमंद हो सकता है। बोरिग रोड के रहने वाले मनोज कुमार एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। कोविड के कारण वह घर में रहकर काम कर रहे हैं। खुद को सहज बनाये रखने के लिए वह अपना काम खत्म करने के बाद परिवार की मदद में समय देते हैं। किचन के काम में हाथ बंटाते हैं।
बचपन के शौक को कर सकते हैं पूरा :
कंकड़बाग के रहने वाले अरुण कुमार को कई साल के बाद घर में रहकर काम करने का मौका मिला। शुरुआत में तो उन्हें सब अच्छा लग रहा था, लेकिन धीरे-धीरे वह असहज महसूस करने लगे। स्वजनों से बात-बात पर गुस्सा होने लगे। समय रहते उन्होंने मनोवैज्ञानिक की सलाह ली और घर के माहौल को ठीक किया। अब अपने काम के बाद अपने बचपन के शौक को समय दे रहे हैं। इससे उनका मन भी लगा रहता है और शौक भी पूरा हो रहा है।
कहते हैं मनोवैज्ञानिक :
मनोवैज्ञानिक डॉ. समिधा के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य के लिए खुद को सकारात्मक काम में व्यस्त रखना जरूरी है। अगर घर में रहकर कार्यालय का काम कर रहे हैं तो कुछ-कुछ समय पर ब्रेक लेते रहना चाहिए। घर में काम कर रहे हैं तो परिवार के लिए भी बीच-बीच में ही समय निकालते रहें। फुरसत में अपनी अधूरी योजनाओं को पूरी करने की कोशिश करें।