Karwa Chauth 2021: कल करवा चौथ से शुरू होगा कार्तिक उत्सव, अगले 30 दिनों में हिंदुओं के 17 पर्व
Karwa Chauth 2021 कार्तिक का महीना पर्व-त्योहार के लिए विशेष है। इसी महीने में धनतेरस दिवाली महापर्व छठ और कार्तिक स्नान जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। इस बार कार्तिक उत्सव रविवार कल करवा चौथ से शुरू हो रहा है।
बक्सर, गिरधारी अग्रवाल। Karwa Chauth 2021: हिंदुओं का व्रत/त्योहार प्रत्येक महीने में कोई न कोई रहता है, चाहे व अधिकमास या खरमास का ही महीना क्यों न हो। उसमें भी कार्तिक का महीना पर्व-त्योहार के लिए विशेष है। इसी महीने में धनतेरस, दिवाली, महापर्व छठ और कार्तिक स्नान जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। इस बार कार्तिक उत्सव रविवार कल करवा चौथ से शुरू हो रहा है। इस हिंदी माह के 30 दिनों में 17 दिन त्योहार के होंगे। करवा चौथ पर श्रद्धालु पूरे दिन का निर्जला व्रत रखकर चंद्रोदय को अघ्र्य दिए जाने के बाद ही जल ग्रहण करेंगे। वैसे तो निर्जला व्रत विशेष तौर पर महिलाएं ही रखती हैं, लेकिन आधुनिक युग में इस परंपरा का निर्वहन कई पुरुषों द्वारा भी स्वेच्छा से अपनाया जाने लगा है।
चंदोदय रात्रि 7:51 बजे : हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ को आचार्य मुक्तेश्वर नाथ शास्त्री ने चंद्रोदय होने का समय रात्रि 07 बजकर 51 मिनट का समय बताया है। वहीं, दूसरा प्रमुख त्योहार धनतेरस 02 को और दिवाली 04 नवंबर को है। साल के 12 महीनों में विशेषकर व्यवसायी वर्ग को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। धनतेरस से दीपावली तक बाजार में चहक बनी रहती है। इसी वजह से इसे धनवर्षा का भी त्योहार माना गया है। बिहार का प्रमुख चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ भी अगले महीने की 08 तारीख से आरंभ होकर 11 नवंबर को प्रात:काल में सूर्य को अघ्र्य दिए जाने के बाद संपन्न होगा। वहीं अन्य छोटे-मोटे पर्व त्योहारों के साथ 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से वैवाहिक लग्न मुहूर्त भी प्रारंभ हो जाएंगे। रविवार को रात्रि 7:51 बजे दिखेगा चौथ का चांद नवंबर 4 को दिवाली, 6 को भैया दूज एवं चित्रगुप्त पूजा 10-11 नवंबर को मनाया जाएगा महापर्व छठ
आर्थिक तंगी में गुजरे बाजार को इस मास से आस
कोरोना की जद से आर्थिक तंगी में गुजरे बाजार को इस माह के दौर से काफी उम्मीद है। व्यापारी वर्ग मानते हैं की कोरोना ने सबों की आय पर सेंधमारी की है। बावजूद इसके साल के इस महीने में मुद्रा की अधिक वर्षा होगी। कीमती धातुओं से लेकर कपड़ा, वाहन, इलेक्ट्रानिक बाजार और मिट्टी के दिए, मूर्ति, खिलौने, खिल-लावा, मिठाई, फल तक हर जरूरतों की पूरी किए जाने की अपेक्षा लोगों में रहेगी। बाजार मानता है की कई उपभोक्ता छोटी-छोटी बचत के साथ इकट्ठा किए मुद्रा से इस दिन में खरीदारी किए जाने की तैयारी छह सात-माह पूर्व से ही करने लगते हैं। इन त्योहारों में हर तबके के लोग अपनी क्षमता अनुरूप कुछ न कुछ रुपए खर्च करते ही हैं।