कन्हैया कुमार ने एंट्री के साथ चिराग-तेजस्वी के साथ आने पर बयान दे छेड़ी बिहार में नई सियासी चर्चा

बेगूसराय से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गिरिराज सिंह को चुनौती देने वाले कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने नई राजनीतिक चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने कहा है कि तेजस्वी और चिराग का साथ आना जनता तय करेगी। समीकरण क्या बन रहा है यह जनता की इच्छा पर निर्भर करता है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 03:36 PM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 03:36 PM (IST)
कन्हैया कुमार ने एंट्री के साथ चिराग-तेजस्वी के साथ आने पर बयान दे छेड़ी बिहार में नई सियासी चर्चा
लोजपा सांसद चिराग पासवान, राजद नेता तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार। जागरण आर्काइव।

जागरण टीम, पटना। हाल ही में सीपीआइ का साथ छोड़कर कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। नई दिल्ली में उन्होंने पार्टी का दामन थामा। लोकसभा चुनाव में बेगूसराय से बीजेपी के गिरिराज सिंह को चुनौती देने वाले कन्हैया के कांग्रेस में आने पर बीजेपी ने सवाल उठाया कि अब महागठबंधन का नेता कौन है? सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव या कन्हैया कुमार। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कन्हैया ने बिहार में नई राजनीतिक चर्चा छेड़ दी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहेगी तो तीनों साथ दिख सकते हैं। 

बिहार में तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और कन्हैया क्या एक साथ होंगे? इस सवाल के जवाब में कन्हैया ने कहा कि हम एकता की बात करते हैं। समीकरण क्या बन रहा है यह तो जनता की इच्छा पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहती है कि बिहार के नौजवान एक साथ आकर काम करें तो स्वाभाविक रूप से उसका सम्मान करेंगे। बीजेपी और संघ के खिलाफ बोलना और नीतीश के खिलाफ न बयान देने पर कन्हैया ने कहा कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होकर क्षेत्रीय दलों को समाप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बचाने का मतलब है कि देश की बहुदलीय व्यवस्था को बचाना। 

बीजेपी और संघ की मानसिकता से लड़ने की जरूरत

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी है। नरेन्द्र मोदी विपक्ष को ही खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष नहीं होगा तो लोकतंत्र नहीं होगा। लोकतंत्र में विपक्ष का होना जरूरी है। कन्हैया ने कहा कि एक पार्टी एक नेता के सिद्धांत पर चलने वाले देश के लिए सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और संघ की मानसिकता से लड़ने की जरूरत है। कन्हैया ने कहा कि मुझे सोचने, समझने और लड़ने का जज्बा सीपीआइ से ही मिला है। 

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