तेजस्‍वी को नेता मानने को कन्हैया तैयार, बोले- बिहार को बचाने के लिए महागठबंधन जरूरी

कन्‍हैया कुमार बिहार में लोकसभा चुनाव के समय बने महागठबंधन को तब का पॉलिटिकल अरेंजमेंट मानते हैं। उन्‍होंने आगामी विधानसभा चुनाव के समय नए सिरे से महागठबंधन बनाने पर बल दिया।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 10:15 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 10:26 PM (IST)
तेजस्‍वी को नेता मानने को कन्हैया तैयार, बोले- बिहार को बचाने के लिए महागठबंधन जरूरी
तेजस्‍वी को नेता मानने को कन्हैया तैयार, बोले- बिहार को बचाने के लिए महागठबंधन जरूरी

पटना [जेएनएन]। जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष तथा भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (CPI) के नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने बिहार को बचाने के लिए महागठबंधन (Grand Alliance) की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि अभी कोई गठबंधन नहीं है, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में एक तरह का पॉलिटिकल अरेंजमेंट था, पर अभी तो कोई नहीं दिखता। जब विधानसभा चुनाव (Assembly Election) नजदीक आएगा, तब उस तरफ चीजें आगे बढ़ेंगी। तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को नेता माने जाने के सवाल पर कन्हैया ने कहा कि हमारे लिए किसी व्यक्ति को नेता मानने को लेकर कोई समस्या नहीं है। कन्‍हैया पटना में मीडिया से रूबरू थे।

बोले: तेजस्वी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं

लोकसभा चुनाव में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) द्वारा उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं दिए जाने संबंधी सवाल पर कन्हैया कुमार ने कहा कि राजनीति में ये सब तो होता ही रहता है। उनके मन में तेजस्वी के प्रति इसके लिए कोई दुर्भावना नहीं है।

पटना में व्याख्यान को भी किया संबोधित

इसके पहले कन्हैया ने  इप्टा (IPTA) द्वारा पटना में आयोजित 'भारत की संस्कृति और हमारा संघीय गणराज्य' विषय पर व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि आज धर्म को आधार मानकर राज्यों की संप्रभुता में हस्तक्षेप किया जा रहा है। भारत की संस्कृति विविधता की है। जो संघीय ढांचा है, उसमें किसी को यह अहसास नहीं होना चाहिए कि उसके साथ दोयम व्यवहार किया जा रहा है। आज सत्ता में बैठे लोग संघीय ढांचे को तोडऩे और जोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। प्रचार-प्रसार माध्यमों के जरिए आज इंसान की सोच को भी रद्दी का ढेर बना दिया गया है। राजनीति को भी विकल्पहीन कर दिया गया। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन में ललित किशोर सिन्हा की स्मृति में आयोजित इस व्याख्यान में मूलत: कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने पर खास चर्चा हुई।

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