जूनियर इंजीनियर को अब देना होगा बिजली की एक-एक यूनिट का हिसाब, कंपनी बना रही नया सिस्टम
फीडर से कितनी बिजली ट्रांसफार्मर तक गयी इसका पूरा एकाउंट उपलब्ध रहेगा। ट्रांंसफार्मर से उपभोक्ता तक गयी बिजली की जानकारी भी रहेगी। बिजली एकाउंटिंग के नए सिस्टम को जल्द शुरू करने की तैयारी। राजस्व बढ़ाने पर कंपनी का फोकस।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिजली कंपनी नेक्स्ट जेनरेशन सुधार के तहत जल्द ही एक-एक यूनिट का हिसाब संबंधित इलाके में तैनात अपने कनीय अभियंता से लेकर कार्यपालक अभियंता (JE to EE) से लेगी। इसके लिए जल्द ही बिजली एकाउंटिंग के नए सिस्टम (New System of Electricity Accounting) को शुरू किए जाने की तैयारी है। एक-एक यूनिट का हिसाब रखने की योजना के तहत सभी फीडर पर मीटर (Meter in Every Feeder) लगाए जाने हैंं। फीडर से संबंधित इलाके के किस फीडर को कितनी बिजली गयी उसका लेखा-जोखा फीडर के मीटर से उपलब्ध हो जाएगा। इसके बाद यह जोड़ा जाएगा कि 30 दिनों में संबंधित ट्रांसफार्मर को जितनी बिजली मिली वह कितनी राशि की थी। उसके जोड़ को संबंधित इलाके के कनीय अभियंता को भी बताया जाएगा कि उनसे संबंधित ट्रांसफार्मर को कितने रूपए की बिजली इतने दिनों में दी गयी। जितने रुपये की बिजली गयी उस हिसाब से संबंधित ट्रांसफार्मर से राशि आई कि नहीं यह मिलान किया जाएगा।
15 प्रतिशत से अधिक का अंतर रहने पर होगी समस्या
बिजली कंपनी के संबंधित अधिकारी का कहना है कि संबंधित इलाके के कनीय अभियंता को इसका पूरा लेखा-जोखा रखना होगा कि उसके अधीन जो ट्रांसफार्मर हैं उससे जो बिजली उक्त इलाके के उपभोक्ताओं के पास गयी उसका यूनिट के हिसाब से क्या मूल्य था। अधिकतम 15 प्रतिशत का अंतर बर्दाश्त किया जा सकता है। बिजली की प्रति यूनिट खपत और उससे मिलने वाली राशि में पंद्रह प्रतिशत का अंतर रहने पर संबंधित इलाके के कनीय अभियंता की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
फीडर और ट्रांसफार्मर पर लगने वाले मीटर की मानीटरिंग मुख्यालय से
फीडर और ट्रांसफार्मर पर लगने वाला मीटर सही तरीके से काम कर रहा या नहीं व किस-किस इलाके में मीटर नहीं लगा है इसकी मानीटरिंग मुख्यालय के स्तर से होगी। नियमित रूप से इसकी रिपोर्ट भी तैयार होगी। बता दें कि अपने राजस्व को लेकर बिजली कंपनियां बेहद सजग हैं। बड़े बकाएदारों पर कार्रवाई की जा रही है।