बिहार में अनोखे फैसले देने वाले जज के न्यायिक कार्य करने पर लगी रोक, जानें किस निर्णय की थी चर्चा

Judge Unique Decisions अनोखे फैसलों को लेकर चर्चा में आए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायिक कार्य करने पर पटना हाई कोर्ट तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अविनाश कुमार मधुबनी जिला के झंझारपुर स्थित न्यायालय में प्रतिनियुक्ति हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:56 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 10:56 PM (IST)
बिहार में अनोखे फैसले देने वाले जज के न्यायिक कार्य करने पर लगी रोक, जानें किस निर्णय की थी चर्चा
बिहार में जज के न्यायिक कार्य करने पर रोक लगा दी गई है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: अपने अनोखे फैसलों को लेकर चर्चा में आए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) अविनाश कुमार के न्यायिक कार्य करने पर पटना हाई कोर्ट तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अविनाश कुमार मधुबनी जिला के झंझारपुर स्थित न्यायालय में प्रतिनियुक्ति हैं। एडीजे ने शुक्रवार को एक कुत्ते को पालने और पांच कुत्तों को एक माह तक खाना देने की शर्त पर एक हत्यारोपित को जमानत दी थी। एक दिन पहले गुरुवार को उन्होंने रंगदारी व मारपीट के दो आरोपितों को अनुसूचित जाति के गरीब पांच बच्चों को छह माह तक आधा लीटर दूध मुफ्त में देने की शर्त पर जमानत दी थी। इसी सप्ताह मंगलवार को उन्होंने छेड़छाड़ के आरोपित को छह माह तक अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोने और इस्त्री करने की शर्त पर जमानत दी थी। इससे पहले भी एडीजे ने जिले के डीएम और एसपी समेत कई वरीय पदाधिकारियों के खिलाफ टिप्पणी करते हुए उन्हेंं सही प्रशिक्षण दिए जाने का आदेश पारित किया था।

पांच बच्चों को मुफ्त दूध देने की शर्त पर जमानत

बता दें कि बिहार में ऐसे फैसले पहले भी सुनाए जाते रहे हैं। शुक्रवार को ही बिहारशरीफ के जज ने श्रीकृष्ण की माखन चोरी का प्रसंग सुनाते हुए बच्चे को बरी कर दिया था। किशोर पर ननिहाल में महिला के घर के फ्रिज में रखी मिठाइयां चुराकर खाने और मोबाइल उठा लेने का आरोप लगा था। घटना सात सितंबर की थी। फैसला बिहारशरीफ किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) के प्रधान जज मानवेन्द्र मिश्र ने सुनाया था। वहीं गुरुवार को ही मधुबनी से ऐसा ही निर्णय सामने आया था। एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) के कोर्ट ने रंगदारी व मारपीट के दो आरोपितों को पांच दलित परिवारों के बच्चों को छह माह तक मुफ्त आधा लीटर दूध देने की शर्त पर जमानत दी। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने कहा कि दोनों आरोपित 160 दिनों से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में हैं। 

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