गोपालगंजः हत्या में दोषी किशोर को सुधारने के लिए जज ने दी अनोखी सजा, अब करना होगा ये काम
Unique Punishment हत्या के प्रयास के मामले मेंं एक किशोर के दोषी पाए जाने पर किशोर न्यायालय के प्रिंसिपल दंडाधिकारी राकेश मणि तिवारी ने उसे अपनी ग्राम पंचायत के दस निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, गोपालगंज: नादानी में अपराध करने वाले एक लड़के को सुधारने के लिए किशोर न्यायालय ने अनोखी पहल की है। हत्या के प्रयास के मामले मेंं एक किशोर के दोषी पाए जाने पर किशोर न्यायालय के प्रिंसिपल दंडाधिकारी राकेश मणि तिवारी ने उसे अपनी ग्राम पंचायत के दस निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने की सजा सुनाई है। किशोर दस लोगों को साक्षर बना रहा है कि नहीं, इसकी रिपोर्ट देने का निर्देश संबंधित पंचायत के मुखिया को दिया गया है।
बताया जाता है कि कुचायकोट थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी एक किशोर को पुलिस ने एक व्यक्ति की हत्या करने के प्रयास करने के मामले में गिरफ्तार किया था। किशोर के पास से पुलिस ने आर्म्स भी बरामद किया था। इस मामले की सुनवाई किशोर न्यायालय में शुरू हुई। सुनवाई के दौरान साक्ष्य के आधार पर आरोपित किशोर को हत्या के प्रयास तथा आर्म्स एक्ट के मामले में दोषी पाते हुए किशोर न्यायालय के प्रिंसिपल दंडाधिकारी राकेश मणि तिवारी तथा सदस्य ममता श्रीवास्तव ने दोषी किशोर को सुधारने के लिए अनोखी सजा सुनाई। दोषी किशोर को अपनी ग्राम पंचायत में दस निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने की सजा सुनाते हुए न्यायालय ने किशोर को उसके माता-पिता के हवाले कर दिया।
शराब बरामदगी मामले में किशोर को मिली 25 पौधे लगाने की सजा
गोपालगंज : शराब बदामदगी मामले में किशोर न्यायालय ने एक किशोर को दोषी पाते हुए उसे अपने गांव या उसके समीप स्थित सरकारी स्कूल के परिसर में 25 पौधे लगाने की सजा सुनाई है। बताया जाता है कि मीरगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने 17.7 लीटर शराब के साथ पुलिस ने एक किशोर को गिरफ्तार किया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए किशोर न्यायालय के प्रिंसिपल दंडाधिकारी राकेश मणि तिवारी ने साक्ष्य के आधार पर किशोर को दोषी पाते हुुए उसे अपने गांव या उसके आसपास स्थित सरकारी स्कूल के परिसर में 25 पौधे लगाने की सजा सुनाई। किशोर ने स्कूल परसिर में 25 पौधे लगाए हैं कि नहीं, इसकी रिपोर्ट संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक को देने का निर्देश दिया गया है। सजा सुनाने के बाद किशोर न्यायालय ने किशोर को उसके माता पिता के सुपुर्द कर दिया।