बिहारः जदयू बोला- तेजस्वी यादव को अपने परिवार के सदस्यों से डर, बताया कहां है दाल में काला

बिहार में जदयू ने राजद पर हमला किया है। मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपने दल राजद में टूट का डर सताने लगा है। यही वजह है कि पटना पहुंचते ही आज भागे-भागे वह अपनी पार्टी के कार्यालय पहुंच गए।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:54 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:54 PM (IST)
बिहारः जदयू बोला- तेजस्वी यादव को अपने परिवार के सदस्यों से डर, बताया कहां है दाल में काला
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक तेजस्वी यादव। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपने दल राजद में टूट का डर सताने लगा है। यही वजह है कि पटना पहुंचते ही आज भागे-भागे वह अपनी पार्टी के कार्यालय पहुंच गए। नेता प्रतिपक्ष अगर बेचैनी में पार्टी कार्यालय पहुंच गए, तो समझिए कि दाल में कुछ काला है। संजय ने कहा कि तेजस्वी यादव को डर अपने दल के नेताओं से नहीं, बल्कि परिवार के सदस्यों से भी है। हाल के दिनों में जिस तरह से उनके भाई-बहन राजनीति में सक्रिय हुए हैं, उससे तेजस्वी की नींद उड़ गई है। उन्हें यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि उनके दूसरे भाई-बहन भी उनकी पार्टी में हक रखें। 

संजय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बिहार में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से डरे हुए हैैं। दो महीने से अधिक समय तक उन्होंने अपनी पार्टी को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। उनके खिलाफ राजद में असंतोष फैला हुआ है। जेडी(यू) मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से डरे हुए हैं। दो महीने से ज्यादा उन्होंने अपने पार्टी को भगवान भरोसे छोड़ दिया। कोरोना काल की चुनौतियों के बीच किसी की सुध नहीं ली। बिहार से दूर रहने का ठीकरा सरकार पर फोड़ते रहे लेकिन उनकी पार्टी के लोग भी तेजस्वी की तिकड़मबाजी को समझ रहे थे। सच तो यह है कि तेजस्वी के खिलाफ खुद उनके दल में असंतोष फैला हुआ है। इस असंतोष की भनक लगते ही तेजस्वी आनन-फानन में बिहार वापस लौटे हैं। 

पार्टी में अब आवाज उठनी तय

संजय सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव को पहले बिहार की जनता ने चुनाव में नकारा और अब उनकी पार्टी के लोग भी नेता प्रतिपक्ष से किनारा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव चाहे लाख जतन कर लें लेकिन उनकी पार्टी में अब नेतृत्व परिवर्तन की आवाज उठनी तय है।

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