ललन सिंह बोले- बिहार के साथ नाइंसाफी कर रहा नीति आयोग, विभाजन के बाद लालू, आलू और बालू बचा
नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद बिहार में जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। विपक्ष के हमले के बाद जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि नीति आयोग बिहार के साथ नाइंसाफी कर रहा है।
पटना, आनलाइन डेस्क। नीति आयोग (NITI Aayog) की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। आयोग ने नेशनल मल्टीडाइमेंशनल पावर इंडेक्स बेसलाइन रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बिहार की रैकिंग नीचे रखी गई है। बुधवार को इस रिपोर्ट के आने के बाद लगातार बिहार में सियासी बयानों का दौर जारी है। विपक्ष इसे आधार बनाकर नीतीश सरकार को घेरने में जुटा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) लगातार हमलावर हैं तो जेडीयू ने भी पलटवार किया है। रविवार को जनता दल यूनाइडेट(JDU) के अध्यक्ष और मुंगेर से सांसद ललन सिंह (Lalan Singh) ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाया है और कहा है कि बिहार के विभाजन के बाद सूबे में सिर्फ बालू, आलू और लालू ही बचे थे।
'विभाजन के बाद बालू, आलू और लालू ही बचे थे'
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह ने रविवार को ट्वीट कर नीती आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाया है। इसके साथ ही उन्होनें राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तंज कसा है। ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि, बिहार के विभाजन के बाद सूबे को सिर्फ आलू, बालू और लालू ही बचे थे। लालू राज पर हमला करते हुए लिखा कि खजाना लूट चुके थे और व्यवस्थाएं चौपट थी।
नीति आयोग जंगलराज से करे सुशासन की तुलना
ललन सिंह ने कहा है कि अगर नीति आयोग सच में 15 साल में हुए विकास की तुलना करना चाहता है तो आयोग को 1990-2005 के जंगलराज से तुलना करे। जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि बिहार का विकास दर देशभर में सबसे ज्यादा होगा।
गौरतलब है कि इस रिपोर्ट पर तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने दोनों ने सरकार पर हमला किया था। तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा था कि, सीएम नीतीश के 16 साल, बिहार सबसे बदहाल। उन्होंने कहा था कि नीति आयोग की दूसरी रिपोर्ट के सात सूचकांकों में भी बिहार की सबसे बुरी और खराब स्थिति है।