Bihar: आरसीपी बोले- आम टपकने का कोई चांस नहीं, चिराग पासवान का नाम लेने पर क्या कहा; ये भी जानिए
Bihar Politics केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की हिस्सेदारी पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। उन्होंने कहा भाजपा और जदयू सहयोगी दल हैं। सहयोग आपसी समझदारी से होता है। इसमें कोई सौदेबाजी नहीं है। इसमें सभी के मान-सम्मान का ध्यान रखना होता है।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics: केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू और लोजपा की भागीदारी, बिहार में जीतन राम मांझी की नाराजगी, बिहार सरकार के भविष्य और राजद की परेशानी सहित तमाम मुद्दों पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राजद के लोग पिछले 15 सालों से बालू फांक रहे हैं। उनके विधायकों को चिंता रहती है कि पता नहीं अभी कितने दिन बालू फांकना होगा। उन्हें दिलासा देने के लिए राजद के लोग बिहार में सरकार बनाने का दावा करते रहते हैं। बिहार में एनडीए की सरकार पूरे पांच साल चलेगी। उन्होंने सबसे दिलचस्प जवाब नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में चिराग पासवान को शामिल करने की चर्चा पर दिया।
आपसी समझदारी से तय होगा जदयू का प्रतिनिधित्व
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की हिस्सेदारी पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। उन्होंने कहा भाजपा और जदयू सहयोगी दल हैं। सहयोग आपसी समझदारी से होता है। इसमें कोई सौदेबाजी नहीं है। इसमें सभी के मान-सम्मान का ध्यान रखना होता है। सब लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।
राजद की उम्मीद पूरी होने वाली नहीं
जीतन राम मांझी की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि एनडीए में बिहार में सब लोग एकजुट हैं। घर में वाद-विवाद चलते रहता है। बिहार की सरकार विकास के लिए काम कर रही है। सभी का मकसद यही है। यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। एनडीए में सबकुछ ठीकठाक है। परेशानी है तो राजद में। राजद के विधायक टकटकी लगाए हैं कि आम अब गिरेगा, अब गिरेगा। वे टकटकी लगाए हुए हैं कि आम अब गिरेगा। इसका कोई चांस नहीं है।
चिराग पासवान पर ऐसी रही प्रतिक्रिया
पत्रकारों ने उनसे जानना चाहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में चिराग पासवान भी शामिल होते हैं तो जदयू की क्या प्रतिक्रिया होगी। इस पर उन्होंने कहा कि वे जदयू के बारे में अपनी बात रख सकते हैं। एनडीए का हिस्सा हैं, इसलिए एनडीए पर बात रख सकते हैं। किसी दूसरे के बारे में वे कुछ भी क्यों बोलेंगे।