बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर फिर गरमाई सियासत, आमने-सामने आए JDU-BJP

जेडीयू ने बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग एक बार फिर उठाया है। बीजेपी सांसद गाेपाल नारायण सिंह ने इसे मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का शिगूफा बता हमला किया है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 08:56 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 11:41 PM (IST)
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर फिर गरमाई सियासत, आमने-सामने आए JDU-BJP
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर फिर गरमाई सियासत, आमने-सामने आए JDU-BJP

पटना [जेएनएन]। बिहार को विशेष राज्‍य (Special status) का दर्जा देने के मुद्दे पर सियासत फिर गरमाती दिख रही है। इसे लेकर राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) एवं भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी आमने-सामने दिख रहे हैं।

जेडीयू ने उठाया बिहार को विशेष राज्‍य के दर्जा का मुद्दा

लोकसभा (Lok Sabha) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में जेडीयू सांसद कौशलेन्द्र  कुमार ने बिहार को विशेष राज्य  के दर्जा का मुद्दा उठाया। जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव (Dinesh Chandra Yadav) ने भी बाद में कहा कि विशेष राज्य के प्रस्‍ताव का सभी राजनीतिक दलों ने बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में समर्थन किया था।

बीजेपी सांसद बोले: यह मुख्‍यमंत्री नीतीश का शिगूफा

जेडीयू के फिर इस मांग को उठाने पर बिहार बीजेपी के पूर्व अध्‍यक्ष व राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह (Gopal Narayan Singh) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने इसे जेडीयू और मुख्‍यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का शिगूफा बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में जेडीयू के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है।

बिहार में पूरा सिस्टम ही भ्रष्ट, विकास का संकट

गोपाल नारायण सिंह इतने पर ही नहीं रुके। उन्‍होंने बिहार में पूरे सिस्टम को ही भ्रष्ट (Corrupt) बता दिया। कहा कि बिहार में करों (Taxes) के सभी रास्‍ते (Resources) बंद कर दिए गए। शराबबंदी (Liquor Ban) का कानून बना, लेकिन ठीक से लागू नहीं हुआ। सरकार के पास रेवेन्यू का संकट है। विकास (Development) के रास्‍ते बंद हैं। बेरोजगारी (Unemployment) बढ़़ी है। बिहार के युवा रोजगार के लिए बाहर पलायन करने को मजबूर हैं। ऐसे में सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है।

अब नहीं रही जाति व मुस्लिम कार्ड की उपयोगिता

उन्‍होंने कहा कि जेडीयू अभी तक जाति व मुस्लिम कार्ड (Caste and Muslim card) खेलता था, लेकिन अब इसकी उपयोगिता नहीं रही। इस कारण वह विशेष राज्‍य के दर्जा की मांग उठाता रहता है।

जेडीयू को परेशान करने वाला बीजेपी सांसद का बयान

जेडीयू ने गत लोकसभा चुनाव के समय जनता से वादा किया गया था कि अगर 17 में से 15 सीटों पर जीत मिली तो वह विशेष राज्य का दर्जा दिलाएगा। लेकिन 17 में 16 सीटों पर जीत के बावजूद जेडीयू वर्तमान राजनीतिक हालात में बीजेपी पर दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है। बिहार में एनडीए की जीत के पीछे प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की छवि को कारण मानने वालों की भी कमी नहीं। ऐसे में विशेष राज्‍य को ले ताजा मांग पर बीजेपी सांसद का बयान जेडीयू को परेशान करने वाला है।

विशेष राज्‍य की इस मांग को ले विपक्ष भी हमलावर

जेडीयू की इस मांग को ले विपक्ष (Opposition) भी हमलावर दिख रहा है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने इस मुद्दे को जेडीयू का फुटबॉल बताते हुए कहा कि वह इसे जब मन हुआ उछालकर चुप हो जाता है। उन्‍होंने कहा कि अब आरजेडी इस मुद्दे को लेकर चलेगा।

आरजेडी के भाई वीरेंद्र ने भी सवाल किया कि अखिर चुनाव आने पर ही जेडीयू को इस मुद्दे की याद क्यों  आती है?

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