बिहारः बनारस के एक चहेते के बूते हर फैसला लेते हैं चिराग पासवान, लोजपा नेता का बड़ा बयान
लोजपा में चाचा-भतीजा के बीच नेतृत्व परिर्वतन पर मचे बवाल पर तमाम पार्टी के नेताओं ने चुप्पी साध ली है। एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चिराग पासवान में बनारस के एक लड़के बूते पार्टी में हर फैसला लेते रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) लोजपा में 'चाचा-भतीजा' के बीच नेतृत्व परिर्वतन पर मचे बवाल पर तमाम पार्टी के नेताओं ने चुप्पी साध ली है। वहीं पार्टी के राज्य मुख्यालय में सन्नाटा पसरा है। सोमवार को पटना स्थित लोजपा दफ्तर का गेट बंद रहा। पूरे दिन चहल-पहल का नामोनिशान नहीं दिखा। सुरक्षाकर्मियों ने सिर्फ यही कहा कि सुबह से एक भी नेता नहीं आए हैं। इस बीच लोजपा के एक नेता ने चिराग पासवान के नेतृत्व को लेकर बड़ा बयान दिया है।
बयानबाजी में होड़ लेने वालों का अता-पता नहीं
रोचक यह कि अक्सर हर घटनाक्रम में राजनीतिक बयानबाजी में होड़ लेने वाले लोजपा प्रवक्ताओं का अता-पता नहीं है। प्रवक्ताओं ने अपने-अपने मोबाइल के स्वीच ऑफ कर लिया है। यही हाल वरिष्ठ नेताओं का है, जिन्होंने पार्टी में मची उथल-पुथल पर बोलने से परहेज किया। हालांकि वैशाली की सांसद वीणा देवी ने इतना जरूर कहा कि लोजपा में केवल नेतृत्व परिवर्तन हुआ है, पार्टी टूटी नहीं है। अब पशुपति पारस जी के नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ेगी। लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने सुबह से ही मोबाइल का स्वीच ऑफ कर दिया। जबकि वे अक्सर छोटी-बड़ी घटना पर मीडिया फोरम पर सक्रिय होते हैं।
चिराग में क्षमता का है घोर अभाव
लोजपा के अल्पसंख्यक सेल में बड़े पद पर रह चुके एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जमुई सांसद चिराग पासवान में नेतृत्व क्षमता का घोर अभाव है। वे बनारस के एक लड़के बूते पार्टी में हर फैसला लेते रहे हैं। लोजपा में ऐसे दो-तीन नेता ही हैं जिनकी बात चिराग सुनते हैं और किसी को तवज्जो नहीं देते। जबकि स्व.रामविलास पासवान सर्वसम्मति से पार्टी को चलाने में विश्वास रखते थे और हर नेता-कार्यकर्ता को पूरा सम्मान देते थे, मदद करते थे। ये गुण चिराग के नेतृत्व में नहीं है।